Uttarakhand News: पिथौरागढ़ (Pithoragarh) में लोग आज जहां रोजगार के लिए अपना घर छोड़कर पलायन कर जाते हैं. वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने पहाड़ में पहाड़ जैसी मुसीबतों का सामना कर घर पर ही रहकर अपनी जमीन से सोना उगलकर अपनी आर्थिक हालातों को बेहतर बनाया. वहीं कुछ लोगों को रोजगार देकर उनकी आर्थिक हालातों में भी बदलाव लाए. ऐसे किसान उन लोगों के लिए प्रेरणा भी हैं जो लोग गांवों से पलायन कर जाते हैं.


पांच लोगों को दे रहे रोजगार
ऐसे ही मुवानी क्षेत्र के कमतोली गांव के नीलबहादुर चंद काश्तकार हैं. जिन्होंने नजीर कायम करते हुए गन्ने की खेती करने और उससे जैविक गुड़ बनाने का कार्य शुरू किया. जिनका गुड़ क्षेत्र में ही डेढ़ सौ रुपये किलो बिकता है. साथ ही उन्होंने अन्य पांच लोगों को रोजगार भी दिया. आज चंद के खेतों में जहां सब्जी उत्पादन किया जा रहा है. वहीं मछली पालन, जैविक खाद और फलों का उत्पादन करने के साथ कृषि कार्य कर कृषि विभाग को जैविक बीज तैयार कर दिया जा रहा है.


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कृषि विभाग से मिल रहा सहयोग
उन्होंने बताया कृषि विभाग द्वारा आत्मा परियोजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष गेहूं का बीज उपलब्ध कराया जाता है. जिससे मैं बीज तैयार कर प्रतिवर्ष दो कुंतल कभी चार कुंतल बीज विभाग को देता हूं. विभाग उसका मुझे भुगतान करता है. साथ ही जल संरक्षण टैंक भी कृषि विभाग द्वारा पानी उपलब्ध कराता है, जिससे मैं खेतो की सिंचाई के साथ ही मछली पालन करता हूं. जैविक खाद तैयार करने के लिए डीकम्पोजर भी मुझे दिया गया है. गन्ने की खेती कर गुड़ बनाता हूं, जो भी उत्पादन मैं करता हूं. जैविक करता हूं, कृषि विभाग से जो योजना मुझे मिली है, उसकी मदद से आर्थिक संसाधन मैंने जुटाए हैं.


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