Uttarakhand News: भारत-नेपाल सीमा (Indo-Neparl Border) से लगे जनपद पिथौरागढ़ (Pithoragarh) में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का हाल बहुत ठीक नहीं है. शासन में बैठे उच्च अधिकारी कह रहे हैं कि डॉक्टर पहाड़ी इलाकों में आना नहीं चाहते. स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के नाम पर भारी- भरकम धनराशि से भवन बना दिए गए हैं और उनमें मशीनें भी लगाई गई हैं लेकिन उन्हें चलाने और इलाज करने के लिए मेडिकल स्टाफ (Medical Staff) मौजूद नहीं हैं. स्वास्थ्य मंत्री के वादे के बाद भी यहां के हालात में सुधार नहीं है.


मंत्री के दौरे के बाद भी नहीं बदली व्यवस्था


लगभग तीन माह पहले प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने पिथौरागढ़ दौरे पर बेस हॉस्पिटल को संचालित करने के लिए 60 दिन का वादा किया था लेकिन वह वादा, वादा ही रह गया. उनके दावे को पुख्ता करने के लिए हांलाकि अपर स्वास्थ्य सचिव ने पिथौरागढ़ पहुंचकर जिला मुख्यालय के अस्पतालों के साथ ही बेस अस्पताल का निरीक्षण किया.  इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की और मरीजों की समस्या भी सुनीं, लेकिन समस्याओं को दूर करने की पहल कब होगी ये कहना मुश्किल है.


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जानिए, क्या कहती हैं स्वास्थ्य सचिव


अपर स्वास्थ्य सचिव दलजीत कौर ने बताया मंत्री के निर्देश पर दौरा किया गया ताकि दिक्कतों और कमियों को समझा जा सके. यहां पर डॉक्टर्स आना नहीं चाह रहे हैं. विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है. विशेषज्ञ डॉक्टरों को भारत सरकार की योजना के अनुरूप यहां लाया जा सकता है. शासन स्तर पर भी कुछ प्रस्ताव हैं, उन पर बात चल रही है. उम्मीद है कि विशेषज्ञ डॉक्टर यहां आएंगे. 


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