Pauri Garhwal News:  भारत सरकार की एक टीम जल संरक्षण और संवर्द्धन के कार्यों का निरीक्षण करने के लिए अपने 4 दिवसीय पौड़ी दौरे पर पहुंची है. इस टीम में केंद्रीय नोडल अधिकारी के साथ ही राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रूडकी की प्रोफेसर शामिल है, जो कि जल शक्ति अभियान 'कैच द रेन' अभियान के तहत जिले में जल संरक्षण और सवर्द्धन की सम्पूर्ण जानकारी जुटा रही है.


'समस्या को गंभीरता से लेना होगा'
केंद्रीय टीम के नोडल अधिकारी अरुण कुमार ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और मनुष्यों द्वारा जल के अवैज्ञानिक दोहन के चलते जल संकट अब विश्वव्यापी हो चुका है. शहरों में हालात ये हैं कि भूमिगत जल नीचे जा रहा है तो पहाड़ों में जल स्त्रोत झरने लगातार सूख रहे हैं जो कि बेहद ही चिंता का विषय है. उन्होंने बताया कि इस समस्या को गंभीरता से लेना होगा तभी जल संकट की स्थिति से निपटा जा सकेगा. 


इस साल 20 लाख पौधों को लगाना है लक्ष्य
केंद्रीय टीम के साथ हुई बैठक में अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले की सभी 1175 ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण और संवर्द्धन के लिए जिले में 1775 मनरेगा एसेट्स निर्मित किये गये हैं जबकि 1775 वाटर कन्जर्वेशन सेंटर सुधारीकरण के साथ ही ग्राम पंचायत विकास योजना में इन कार्यों को जोड़ा गया है.


अधिकारियों ने बताया कि इस साल जिले के 125 गांवों की 121 हेक्टेयर भूमि पर 20 लाख पौधों को लगाया जाना उनके लक्ष्य में शामिल है. वहीं जिलाधिकारी ने नोडल टीम को जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान के लिए पहले चरण में वाटर बॉडी चिन्हिकरण, दूसरे चरण में उनकी मैपिंग, तीसरे चरण में जियो टैगिंग और चौथे चरण में कार्य प्रारम्भ किया जाना इस अभियान की रूपरेखा है. 


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