कानपुर. जिस तरह कोरोना अपने स्वरूप को बदल रहा है. उसी तरह अब नई-नई बीमारियां भी लोगों को अपनी चपेट में ले रही हैं. हैलट अस्पताल में ब्लैक फंगस पीड़ित एक रोगी में ऑप्टिक न्यूराइटिस नाम की बीमारी पाई गई है. डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी का दुनिया भर में यह पहला केस है. इस नई बीमारी के सामने आने के बाद डॉक्टर रोगी के इलाज को लेकर परेशान हैं.


दावा है कि यह देश नही बल्कि दुनिया का पहला ऐसा केस है, जिसमें मरीजों की आंखों की नसों में सूजन आ जाती है. नसों में खराबी आने से मरीज की आंखों की रोशनी चली जाती है. हैलट में भर्ती मरीज के इलाज के साथ डॉक्टरों ने उस पर शोध भी शुरू कर दिया है. 


पहला मामला होने की वजह से डॉक्टर पीड़ित के इलाज को लेकर कन्फ्यूजन में हैं. डॉक्टरों ने इस केस को अंतरराष्ट्रीय जनरल में प्रकाशित कराने के लिए कागजी कार्रवाई पूरी कर ली है. बता दें कि हैलट अस्पताल में 20 दिन पहले 37 साल के आशीष को एडमिट किया गया था, जिसमें ऑप्टिक न्यूराइटिस पाया गया. फिलहाल उसकी आंखों की रोशनी प्रभावित हुई है. डॉक्टरों का दावा है कि यह ऑप्टिक न्यूराइटिस का पहला मरीज है.


आशीष के केस में ब्लैक फंगस के एक नए प्रभाव को उजागर किया है. जिसमें फंगल संक्रमण से नसों में सूजन आ जाती है. हैलट के नेत्र विभागाध्यक्ष डॉ परवेज का कहना है कि इस केस से यह भी पता चला है कि ब्लैक फंगस ब्लड से ही नही नस के जरिए भी दिमाग तक पहुंच सकता है.


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