UP Politics: मंत्री अनिल राजभर (Anil Rajbhar) के बलिया (Ballia) में होने वाले कार्यक्रम पर सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर (SBSP Chief Om Prakash Rajbhar) ने हमला बोला है. उन्होंने कहा जनता के बीच जाकर सभी पार्टियों को अपने साथ जोड़ने का अधिकार है. पूर्वांचल में बीजेपी (BJP) अभियान चलाकर देख चुकी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) समेत कई मंत्रियों ने सभाएं की. गाजीपुर में प्रधानमंत्री को भी उतारा गया लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. ओपी राजभर ने कहा कि शादी अनुदान, जॉब कार्ड, नौकरी के नाम पर लोगों को बुलाया जा रहा है.


'झूठ बोलकर भीड़ जुटाने से नहीं पड़ेगा फर्क'


 एक बार झूठ बोलकर भीड़ जुटाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. ओपी राजभर ने कहा कि अनिल राजभर अच्छा कर रहे हैं. मालिक के आदेश का पालन नौकर करेगा. लेकिन सुभासपा का वोटर कहीं नहीं जाएगा. बीजेपी विधायक के पत्र पर उन्होंने कहा कि मजार के नाम पर ही नहीं बल्कि गुरुद्वारा, गिरजाघर और मंदिर के नाम पर भी कब्जे हो रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी विधायक सिर्फ एक धर्म को टारगेट कर रहे हैं. उनका पत्र राजनीति से प्रेरित लगता है. मायावती की कर्नाटक समीक्षा बैठक पर उन्होंने कहा कि बसपा की चार बार यूपी में सरकार बनी. क्या उन्होंने किसी मुसलमान को मुख्यमंत्री या डिप्टी सीएम बनाया.


ओपी राजभर ने विपक्षी एकता पर क्या कहा?


ओपी राजभर ने कहा कि यूपी का मुसलमान बंटा हुआ है. जयंत चौधरी के कांग्रेस और सपा को एकजुट करने की कोशिश को उन्होंने सराहा. सुभासपा प्रमुख ने कांग्रेस, सपा, बसपा और जदयू के एक साथ आने पर अच्छे नतीजों की उम्मीद जताई. उन्होंने सुझाव दिया कि यूपी में मिलकर लड़ने से जीत का इतिहास बनेगा. अलग-अलग लड़ने पर हारने का इतिहास बनेगा. उन्होंने कहा कि मायावती, अखिलेश, नीतीश और सोनिया गांधी के मंच से बुलावा आने पर हम हाजिर हो जाएंगे. ओपी राजभर ने अखिलेश यादव के अन्य प्रदेशों में जाने पर भी कटाक्ष किया.


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उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ममता बनर्जी, केसीआर, लालू यादव को यूपी में लाकर कितने वोट दिला पाएंगे. यूपी में वोट मायावती के पास है. ओम प्रकाश, जयंत चौधरी, संजय निषाद और अनुप्रिया पटेल के पास है. अखिलेश यादव बिना वोट वाले नेता के पास घूम रहे हैं. ओपी राजभर ने कहा कि यूपी की राजनीति में कांग्रेस के आने से बड़ा प्लेटफॉर्म होगा. कई राज्यों में कांग्रेस की सरकार है. बसपा की भी ताकत दिखेगी. अलग अलग राज्यों से लोगों के आने पर मुसलमान और दलित का वोट राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट होगा.