संसद में मनरेगा की जगह नया 'जी राम जी' बिल को लेकर जबरदस्त पक्ष-विपक्ष के बीच जंग छिड़ गई है. विरोधी दल इस योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाए जाने पर सवाल उठा रहे हैं. जिस पर यूपी सरकार में मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का बयान आया है. उन्होंने कहा कि नाम हटाने से कुछ नहीं होता. 

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ओम प्रकाश राजभर ने कही ये बात

यूपी के पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने मनरेगा से गांधी का नाम हटाने पर कहा कि "नाम बदलने से किसी के व्यक्तित्व को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता है. आज पूरी दुनिया राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पूजा करती है उन्हें मानती हैं. पूरा देश उनको जानता है. 

राजभर ने कहा कि क्योंकि सरकार की मंशा है कि सौ दिन ही काम खाली रहेगा. अब हर चीज़ के दाम बढ़ रहे हैं.  महंगाई बढ़ रही है. तो मजदूरों की मजदूरी भी बढ़नी चाहिए और उनके काम भी बढ़ने चाहिए. अगर 125 दिन काम की गारंटी दे रहे हैं तो ये तो अच्छी बात है. 

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विपक्ष ने गांधी का नाम हटाने पर जताई आपत्ति

बता दें कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाने का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने इस बिल को संसदीय समिति में भेजने की मांग की है. गुरुवार को भी संसद परिसर में इंडिया गठबंधन ने जी राम जी बिल का विरोध किया. गांधी जी की तस्वीर लेकर नारेबाजी की. 

सपा सांसद रामगोपाल यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि इन्हें गांधी के नाम से ही नफरत हैं. इसलिए वो योजना से नाम हटाना चाहते हैं. सरकार को इसके तहत न्यूनतम मजदूरी देनी चाहिए और राज्य सरकारों से पूछना चाहिए कि वो दे पाएंगे या नहीं. उन्होंने इस बिल को योजना को बंद करने की साजिश बताया. 

वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि योजना में राम का ना जोड़ने से क्या आपत्ति हो सकती हैं. महात्मा गांधी भी राम के समर्थक थे. जी राम जी के तहत लोगों को सौ से ज्यादा दिन का रोज़गार मिलेगा.

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