Mission 2024: राहुल गांधी के जन्मदिन (Rahul Gandhi Birthday) पर कांग्रेस (Congress) प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने पूर्व सांसदों, पूर्व विधायकों, पूर्व विधान परिषद सदस्यों की बैठक बुलाई. मकसद मिशन 2024 के लिए सियासी जमीन तैयार करना था. बैठक में बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने, टीम राहुल के रूठे और उपेक्षित लोगों को फिर से जोड़ने पर मंथन हुआ. माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी के कमान संभालने से कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में फायदा नहीं हुआ है. कई पुराने कांग्रेसी और टीम राहुल के सदस्य कहे जाने वाले नेता पार्टी से बाहर हो गए. भारत जोड़ो यात्रा शुरू कर राहुल गांधी ने पार्टी को मजबूत करने और लोगों को जोड़ने की कमान थाम ली है. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस टीम राहुल और पुराने कांग्रेसियों के सहारे लोकसभा चुनाव में उतरेगी. इसलिए जरूरी है कि पार्टी के पुराने लोगों को जोड़े रखा जाए. पिछले डेढ़-दो साल के दौरान कांग्रेस को अलविदा कहनेवालों में कई दिग्गज भी शामिल हैं. एक नजर पार्टी छोड़ने वाले नेताओं के नामों पर डालते है:


कांग्रेस को छोड़ने वालों की फेहरिस्त


जितिन प्रसाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री (अब बीजेपी में)
आरपीएन सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री
सुप्रिया एरन
पंकज मालिक, पूर्व विधायक (अब सपा में)
हरेंद्र मालिक, पूर्व सांसद (अब सपा में)
राजा रामपाल, पूर्व सांसद (अब सपा में)
ललितेश पति त्रिपाठी, पूर्व विधायक (अब TMC में)
अदिति सिंह, विधायक (अब बीजेपी में)
अन्नू टंडन, पूर्व सांसद (अब सपा में)
इमरान मसूद, पूर्व विधायक (अब बसपा में)
विनोद चतुर्वेदी, पूर्व विधायक (अब सपा में)
गयादीन अनुरागी, पूर्व विधायक (अब सपा में)
नदीम अशरफ, यूथ कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष
सावित्री बाई फुले, पूर्व सांसद
डॉ. संतोष सिंह, पूर्व सांसद (निष्कासित)
सिराज मेहंदी, पूर्व एमएलसी
विनोद चौधरी, पूर्व विधायक


आखिर क्यों पुराने नेताओं की आई याद?


कांग्रेस को छोड़ने वाले नेताओं की लंबी फेहरिस्त है. पूर्व सांसद जफर अली नकवी ने कहा कि पुराने नेताओं ने 2024 की रणनीति के लिए सुझाव दिए. उन्होंने बताया कि बैठक में संगठन को धार देने पर सहमति बनी. जिले और ब्लॉक स्तर पर सम्मेलन, बूथ कमेटी, दौरे रणनीति का हिस्सा हैं. मेनिफेस्टो पर भी पहले से काम किया जाएगा. बिजली की समस्या, महंगाई, कानून व्यवस्था के मुद्दों पर संघर्ष किया जाएगा. पिछले चुनाव के नतीजों की समीक्षा भी बैठक में की गई. संगठनात्मक ढांचा न बन पाना, बूथ कमेटी का नहीं बनना, अच्छे लोगों को टिकट नहीं मिलना, बात जनता तक पहुंचाने में नाकाम रहना प्रमुख नाकामियां थीं.


पुराने नेताओं को सम्मान नहीं मिलने की वजह से नाराजगी की बात पर जफर अली ने कहा कि सम्मान काम करने से होता है. हम घर पर बैठ जाएं तो सम्मान कैसे मिलेगा. एक्टिव, तेज और जनता के बीच जानेवालों को सम्मान मिलता है. उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव के लिए टीम बहुत अच्छी बनेगी. जल्द प्रदेश कांग्रेस कमेटी का गठन होने जा रहा है. पार्टी का साथ छोड़ने वालों की बात पर उन्होंने कहा कि ट्रेन में मुसाफिर चढ़ते हैं और कुछ उतर जाते हैं. उतरने-चढ़ने का सिलसिला जारी रहता है. कांग्रेस में विश्वास रखनेवाले कहीं जाने वाले नहीं हैं. 


बैठक में शामिल कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्र ने कहा कि राहुल गांधी के जन्मदिन पर संकल्प लिया गया है. पूर्व विधायक, पूर्व सांसद, पूर्व विधान परिषद सदस्यों की बैठक में 2024 की तैयारी पर चर्चा हुई. पुराने नेताओं के सुझाव लिए गए. उन्होंने कांग्रेस को हर परिस्थिति में मजबूत किया है. कांग्रेस के तिरंगे झंडे को कभी नहीं छोड़ा. पुराने नेता बड़ी धरोहर हैं. उन्होंने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. कांग्रेस के पुराने नेताओं को सम्मान नहीं मिलने की बात पर आराधना मिश्रा ने असहमति जताई.


उन्होंने कहा कि कांग्रेस विचारधारा का नाम है. पुराने नेताओं ने कांग्रेस की विचारधारा को आगे पहुंचाया. परिवार में कभी किसी को कोई बात अच्छी लग सकती है और कभी कोई बात बुरी लग सकती है. हो सकता कुछ लोग बिछड़ गए हों लेकिन आज एक आवाज पर पुराने साथी इकट्ठा हो गए. आराधना मिश्र ने कहा कि पुराने नेताओं ने कांग्रेस का चरम, 1977 का दौर और उतार-चढ़ाव भी देखा है.


उनके सुझाव अनुभव के साथ होंगे. 2024 की रणनीति में महत्वपूर्ण होंगे. पुराने नेताओं की पहली बैठक है. सिलसिला आगे भी जारी रहेगा. आगे पदाधिकारियों की बैठक की जाएगी. सभी नेताओं के सुझाव लिए जाएंगे. जीताऊ उम्मीदवार, विचारधारा के साथ चलनेवाले को और कड़ा टक्कर दे सकनेवाले को जरूर मौका मिलेगा. 


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