उत्तर प्रदेश के नोएडा की बहुचर्चित रियल एस्टेट परियोजना सुपरटेक सुपरनोवा के फ्लैट खरीदारों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है. लंबे समय से रजिस्ट्री को लेकर परेशान चल रहे सैकड़ों खरीदारों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. शीर्ष अदालत के आदेश के बाद अब सुपरनोवा परियोजना में रजिस्ट्री प्रक्रिया का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है. इस फैसले को खरीदार एक ऐतिहासिक और लैंडमार्क निर्णय के रूप में देख रहे हैं.
सुपरनोवा के ईस्ट और वेस्ट टावरों में कुल 583 फ्लैट हैं, जिनमें से अब तक 85 फ्लैट्स की रजिस्ट्री हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शेष 497 फ्लैट खरीदारों को भी जल्द मालिकाना हक मिलने की उम्मीद जगी है. वर्षों से कानूनी पचड़ों और प्रशासनिक अड़चनों के कारण अटकी रजिस्ट्री अब प्राथमिकता के आधार पर शुरू की जाएगी, जिससे परियोजना से जुड़े सैकड़ों परिवारों में राहत और खुशी का माहौल है.
नई समिति गठन करने के आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक अहम फैसला लेते हुए परियोजना में चल रही इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया के तहत नियुक्त IRP को भंग कर दिया है और एक नई समिति के गठन का आदेश दिया है. इस समिति की अध्यक्षता जम्मू-कश्मीर के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश एम.एम. कुमार करेंगे. समिति में एससीएलटी के अधिकारी और एनबीसीसी के पूर्व चेयरमैन को भी शामिल किया गया है. अदालत ने स्पष्ट किया है कि अब इस परियोजना में सुपरटेक बिल्डर की कोई भूमिका नहीं रहेगी. नई समिति ही परियोजना को पूरा कराने, निर्माण कार्य की निगरानी करने और आवश्यकता पड़ने पर नए डेवलपर का चयन करेगी.
खरीददारों के हित सर्वोपरि
वहीं कोर्ट ने फ्लैट खरीदारों के हितों को सर्वोपरि मानते हुए यह भी निर्देश दिया है कि रजिस्ट्री को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए. परियोजना से प्राप्त होने वाली किसी भी धनराशि का पहले उपयोग निर्माण कार्य और खरीदारों से जुड़े कार्यों को पूरा करने में किया जाएगा. इसके बाद बैंकों का बकाया चुकाया जाएगा और अंत में यदि कोई राशि शेष रहती है, तो नोएडा प्राधिकरण के बकाए का भुगतान किया जाएगा. कोर्ट ने साफ कहा है कि प्राधिकरण का लगभग 3300 करोड़ रुपये का बकाया फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री में किसी भी तरह की बाधा नहीं बनेगा. गौरतलब है कि सुपरनोवा ईस्ट और वेस्ट के खरीदारों ने रजिस्ट्री में देरी और बिल्डर की अनियमितताओं से परेशान होकर पहले एनसीएलटी और फिर एनसीएलएटी का रुख किया था. वहां से आदेश अपने पक्ष में आने के बावजूद रजिस्ट्री का मामला अटका रहा, जिसके बाद खरीदारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. जानकारी के अनुसार AOA से जुड़े नरेश नंदवानी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को खरीदारों की बड़ी जीत बताया है. उन्होंने कहा कि यह निर्णय न केवल सुपरनोवा के निवासियों के लिए राहत भरा है, बल्कि पूरे नोएडा के लिए एक मिसाल बनेगा. अब जल्द ही प्राधिकरण के माध्यम से विशेष कैंप लगाकर रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिससे वर्षों का इंतजार समाप्त होगा.