नोएडा पुलिस ने नशे के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए करोड़ों के अवैध धंधे का पर्दाफाश किया है. थाना फेस-2 पुलिस और स्वॉट-2 टीम की संयुक्त कार्रवाई में गांजा तस्करी करने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया गया.

पुलिस ने मौके से तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है, जिनके कब्जे से 182 किलो 350 ग्राम गांजा बरामद हुआ. बरामद मादक पदार्थ की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 40 लाख रुपये बताई जा रही है. इसके साथ ही तस्करी में प्रयुक्त एक कैन्टर वाहन भी जब्त किया गया है.

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अजय कुमार, नीरज वत्स उर्फ नीरू और हिमांशु जाटव के रूप में हुई है. पुलिस ने इन्हें निम्मी विहार पुस्ते से कुलेसरा की तरफ नलकूप के पास से पकड़ा.

प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि यह तस्कर गिरोह उड़ीसा के कटक जिले से बड़ी मात्रा में गांजा सस्ते दामों पर खरीदकर दिल्ली-एनसीआर में सप्लाई करता था. गांजे को कैन्टर वाहन में बोरों और पैकेटों में छिपाकर लाया जाता था, ताकि किसी को शक न हो. गिरोह तकनीकी निगरानी से बचने के लिए आपस में केवल व्हाट्सएप कॉल का इस्तेमाल करता था.

उड़ीसा से लाया जाता था गांजा

डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि यह गिरोह उड़ीसा से गांजा लाने के लिए कभी प्राइवेट वाहन तो कभी रेलमार्ग का उपयोग करता था. पुलिस की नजरों से बचने के लिए यह लोग बड़े स्टेशनों के बजाय छोटे स्टेशनों पर उतरते और वहां से माल को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाते थे.

दिल्ली-एनसीआर आने के बाद यह लोग गांजे की सप्लाई कॉलोनियों, पीजी, कॉलेजों और अन्य स्थानों पर ऑन-डिमांड करते थे. इसके अलावा, ये घूम-घूमकर भी ग्राहकों तक गांजा पहुंचाते थे.

गिरोह के दो सदस्य पुलिस गिरफ्त से बाहर

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस गिरोह के दो अन्य साथी सोनू उर्फ मोहम्मद सादाब और जेपी अभी फरार हैं. उन्हें पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है. पुलिस का मानना है कि इस गिरोह का नेटवर्क दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में फैला हुआ है.

इस कार्रवाई से साफ है कि नोएडा पुलिस लगातार नशे के कारोबारियों पर शिकंजा कस रही है. फिलहाल तीनों गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ जारी है और उम्मीद की जा रही है कि उनसे कई अहम जानकारियां सामने आएंगी, जिससे इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके.