उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में पाकबड़ा थाने की पुलिस ने हादसे में जान गंवाने वाले कांवड़िए की पहचान कराने का प्रयास किए बिना लावारिस मानकर अंतिम संस्कार करा दिया. परिजनों ने एसएसपी से शिकायत की तो मामला खुला, इस गंभीर लापरवाही पर पाकबड़ा थाना प्रभारी विनोद कुमार समेत छह पुलिसकर्मियों को एसएसपी सतपाल अंतिल ने लाइन हाजिर कर दिया.

कांवड़ यात्रा के दौरान हुई दुर्घटना में पुलिस की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है. पाकबड़ा थाना पुलिस ने कांवड़िए की मौत के बाद उसकी शिनाख्त कराने की कोई कोशिश नहीं की और उसे लावारिस बताकर अंतिम संस्कार करा दिया. परिजनों को जब यह बात पता चली तो पुलिस की करतूत उजागर हुई. इस मामले में थाना प्रभारी समेत छह पुलिस कर्मियों को एसएसपी ने तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया है.

इलाज की दौरान हुई थी घायलों की मौत

जानकारी के मुताबिक एक महिला ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुरादाबाद को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उसका बेटा सावन में ब्रजघाट जल लेने गया था. रास्ते में थाना डिडौली जनपद अमरोहा क्षेत्र में एक्सीडेंट हो गया. इसके बाद थाना डिडौली पुलिस ने घायल को टीएमयू अस्पताल में भर्ती कराया और पाकबड़ा पुलिस को सूचित किया. इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई.

पुलिस पर बिना शिनाख्त के अंतिम संस्कार कराने का आरोप

आरोप है कि पाकबड़ा पुलिस ने मृतक की शिनाख्त कराने और परिजनों की तलाश करने का कोई गंभीर प्रयास नहीं किया और मृतक का अंतिम संस्कार लावारिस के रूप में कर दिया.

बाद में जब परिजन सामने आए तो पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट तभी देने की बात कही जब मृतक की मां कोई कार्रवाई न करने की लिखित सहमति दे. महिला ने इससे इनकार कर दिया और पूरा मामला लेकर एसएसपी के पास पहुंची. घटना की पूरी जानकारी मिलते ही एसएसपी भी चौंक गए.

जनसुनवाई के दौरान उन्होंने तत्काल कार्रवाई करते हुए पाकबड़ा इंस्पेक्टर विनोद कुमार, एसएसआई सुरेंद्र सिंह, कस्बा चौकी इंचार्ज इजहार अली, दरोगा विशाल चौधरी, हेड मोहर्रिर अमित कुमार और महिला कांस्टेबल प्रिया को लाइन हाजिर कर दिया.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया गंभीर लापरवाही

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल ने साफ कहा है कि ड्यूटी में लापरवाही और संवेदनहीनता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी. शिनाख्त से लेकर अंतिम संस्कार तक पुलिस की जिम्मेदारी तय है. ऐसे में इस तरह की लापरवाही बेहद गंभीर है.