Greater Noida News:  नोएडा और ग्रेटर नोएडा में किसानों के अलग-अलग संगठन अपनी मांगों को लेकर कई सालों से धरना-प्रदर्शन करते आ रहे हैं. उनकी मांगों को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक हाई पावर कमेटी का गठन किया है. कमेटी किसानों की समस्याओं को सुनकर शासन को रिपोर्ट भेजेगी और समस्याओं के निराकरण का रास्ता भी निकालेगी.


गुरुवार को ग्रेटर नोएडा में इस कमेटी के साथ किसान संगठनों की बैठक हुई है. बैठक दो घंटे से ज्यादा चली. बैठक में कमेटी में रेवेन्यू बोर्ड के अध्यक्ष डॉक्टर रजनीश दुबे, मेरठ मंडलायुक्त शैलजा कुमारी, गौतमबुद्ध नगर के डीएम मनीष वर्मा, तीनों अथॉरिटी के सीईओ और एसीईओ मौजूद रहे.


किसानों के मुद्दे पर हाई पावर कमेटी की बैठक


दरअसल, इस साल संयुक्त किसान मोर्चा, भारतीय किसान परिषद, अखिल भारतीय किसान सभा और जय जवान जय किसान संगठन ने संयुक्त रूप से 8 फरवरी को दिल्ली कूच किया था. उन्हें दिल्ली बॉर्डर पर रोका गया था और हाई पावर कमेटी का गठन किया गया था.


गुरुवार को हुई बैठक में 10 परसेंट प्लॉट, 64.7 परसेंट मुआवजा, आबादी का संपूर्ण निदान, पुश्तैनी-गैर पुश्तैनी का भेद खत्म करने, किसानों के 5 प्रतिशत प्लॉट पर कमर्शियल गतिविधि को अनुमति देने समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई. किसानों ने बैठक को काफी सकारात्मक पहल माना है. उन्हें उम्मीद है कि सरकार जल्द ही उनकी समस्याओं को दूर करेगी. 


इस बैठक में किसान संगठनों अपनी समस्याओं को कमेटी के सामने विस्तार से रखा और किसानों की परेशानियों और मांगों के बारे में जानकारी की. किसानों की मांग है कि अधिगृहित भूमि के सापेक्ष दस फ़ीसद विकसित भूमि देने, किसानों की आबादी का पूर्ण निस्तारण कर रेवेन्यू रिकॉर्ड से प्राधिकरण का नाम निरस्त कर काश्तकार के नाम किया जाए. इसके साथ ही अधिग्रहित जमीन के बदले मिलने वाली जमीन को कमर्शियल घोषित किया जाए.


इस बैठक में किसान नेता सुखबीर खलीफा, डॉक्टर रुपेश वर्मा समेत कई किसान नेता भी शामिल हुए. उन्होंने बताया कि बैठक सार्थक रही है. हमने अपनी बातें कमेटी के सामने रख दी हैं. 


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