प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रियल एस्टेट कारोबारी अनिल मिठास के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने एक अरब रुपये से अधिक की संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क किया है. यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) 2002 के तहत की गई है.

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ईडी लखनऊ की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई नोएडा के सेक्टर 119 में स्थित परियोजना उन्नति द अरण्य के लिए घर खरीदारों, निवेशकों और वित्तीय संस्थानों से एकत्रित धन के हेर-फेर से संबंधित है. इस मामले में यूएफएचएल के प्रमोटर अनिल मिथास एचयूएफ से जुड़ी संपत्तियां कुर्क की गई हैं.


126 करोड़ से अधिक की सम्पत्ति कुर्क


मेसर्स उन्नति फॉर्च्यून होल्डिंग्स लिमिटेड पर आरोप है कि नोएडा के सेक्टर-119 स्थित इस परियोजना में कंपनी और उसके निदेशकों ने घर खरीदारों, निवेशकों और वित्तीय संस्थानों से लिए गए धन का दुरुपयोग किया. पैसे के हेरफेर और परियोजना अधूरी रहने से न केवल हजारों घर खरीदारों को नुकसान हुआ बल्कि वित्तीय संस्थानों को भी भारी क्षति उठानी पड़ी. अब तक इस प्रकरण में कुल 126 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है.


2018 में भी हो चुकी है गिरफ्तारी


अनिल मिठास उन्नति फॉर्च्यून ग्रुप के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. यह ग्रुप नोएडा और एनसीआर में रियल एस्टेट, हॉस्पिटैलिटी, इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग और आईटी सेक्टर में सक्रिय है. द अरण्य और द एलीट एड्रेस इसके प्रमुख प्रोजेक्ट्स हैं. साल 2018 में भी यूपी रेरा के आदेशों का पालन न करने पर अनिल मिठास को गिरफ्तार किया गया था. ग्रुप की सहयोगी कंपनियों, जैसे कि आईवीआर प्राइम आईटी सेज, पर भी वित्तीय संकट के बादल मंडरा रहे हैं.


यूपी में बिल्डर्स पर ईडी की कार्रवाई से हड़कम्प मचा हुआ है, सूत्रों के मुताबी नोएडा एनसीआर में कई और बिल्डर भी एजेंसियों के निशाने पर हैं.उधर अभी तक इस मामले में अनिल मिठास या उनकी कम्पनी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.