Sanjay Nishad News: उत्तर प्रदेश में एनडीए के सहयोगी और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद की पार्टी के युवा कार्यकर्ता धर्मात्मा निषाद ने आत्महत्या कर ली है. सुसाइड से पहले उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक पर लंबी चौड़ी पोस्ट लिखकर पार्टी अध्यक्ष संजय निषाद पर गंभीर आरोप लगाए हैं और उन्हें कठघरे में खड़ा किया है. जिस पर उनकी सफाई हैं. उन्होंने कहा कि धर्मात्मा का निधन मेरे लिए बहुत दुखद है लेकिन उनके सोशल मीडिया अकाउंट से जो टिप्पणी की गई है वो गलत है. वो ऐसा कभी नहीं कर सकता, इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
संजय निषाद ने कहा कि धर्मात्मा निषाद मेरी पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता थे. उनकी उनकी आत्महत्या किए जाने की सूचना से मैं बहुत स्तब्ध हूं. धर्मात्मा का निधन बेहद दुखद है और मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है. मैंने धर्मात्मा का हमेशा अपने स्तर पर सहयोग किया है. लेकिन इस दौरान धर्मात्मा के सोशल मीडिया अकाउंट से मेरे और मेरे परिवारजनों के खिलाफ एक दुर्भाग्यपूर्ण और पूरी तरह असत्य टिप्पणी की गई है. मुझे पूरा भरोसा है धर्मात्मा निषाद ऐसा कभी नहीं कर सकते हैं.
संजय निषाद ने आरोपों से किया इनकारकैबिनेट मंत्री ने कहा कि इस पोस्ट के जरिए मेरी, मेरे पारिवार और पार्टी की छवि धूमिल करने की कोशिश की गई है. इसलिए मैं इस मामले की निष्पक्ष जाँच कराना चाहता हूं ताकि सच सामने आए कि आख़िर किन परिस्थितियों में धर्मात्मा ने ये कदम उठाया है और किस व्यक्ति द्वारा इस तरह की पोस्ट कर मेरी छवि को धूमिल करने की कोशिश की गई है.
दरअसल यूपी के महाराजगंज में रहने वाले निषाद पार्टी के कार्यकर्ता धर्मात्मा निषाद ने घर में फांसी लगाकर जान दे दी. परिजनों का आरोप है कि वो काफी समय से तनाव में था. आत्महत्या से पहले उसने सोशल मीडिया पर लंबी पोस्ट लिखी है. बताया जा रहा है कि वो लंबे समय तक प्रदेश सचिव के पद पर रहा था लेकिन एक साल से उसे कोई पद नहीं दिया गया था. रविवार को सुबह घर में उसका शव फांसी के फंदे से लटकता मिला है. परिजनों ने पार्टी के बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है.
पार्टी के शीर्ष नेताओं पर लगाए गंभीर आरोप29 साल के धर्मात्मा ने पार्टी के ही बड़े नेताओं पर उसके खिलाफ षड्यंत्र कर परेशान करने का आरोप लगाया. वो संतकबीरनगर नगर जनपद के मेहदावल विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था. उसने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि उसने क्षमता से अधिक लोगों की मदद करने कोशिश की. इस वजह से राजनैतिक व सामाजिक दुश्मन बन गए थे. बगैर नाम लिखे, उसने इशारे में कुछ लोगों पर गंभीर आरोप मढ़ा है. उसने लिखा है कि मैंने समाज के शोषित, वंचित व निर्बलों की लड़ाई लड़ी. इस बीच मुझे कई फर्जी मुकदमा झेलकर जेल भी जाना पड़ा. उसकी लोकप्रियता बढ़ने से बड़े जनप्रतिनिधि व उनके बेटों में बेचैनी बढ़ने लगी, जिसके बाद उन्होंने उसे कमजोर करने की कोशिश की,
धर्मात्मा निषाद ने पार्टी के कुछ नेताओं का नाम लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. आखिर में उसने अपनी मां, पत्नी, भाई और बहन से माफी मांगी है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया था, रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई हो सकेगी.
इनपुट- संजय पाठक
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