UP News: नए संसद भवन (New Parliament Building) में सेंगोल (Sengol) स्थापित करने को लेकर समाजवादी पार्टी (SP) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने बीजेपी (BJP) सरकार पर हमला बोला है. स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा राजदंड असल में राजतंत्र का प्रतीक है. आज भारत में लोकतंत्र है. जहां लोकतंत्र है, वहां राजतंत्र की जरूरत नहीं है. बीजेपी लोकतंत्र से राजतंत्र की ओर बढ़ रही है. उन्होंने राजदंड की स्थापना पर दक्षिण के ब्राह्मण धर्माचार्यों को आमंत्रित करने पर भी बीजेपी सरकार को घेरा.


स्वामी प्रसाद मौर्या ने आगे कहा, "नए संसद भवन का स्वागत करता हूं लेकिन सरकार के तरीके का विरोध करता हूं. हमारा देश पंथनिरपेक्ष है. हम सभी धर्मों का बराबर सम्मान करते हैं लेकिन राजदंड स्थापित करने के लिए बौद्ध, जैन, सिख, ईसाई, मुस्लिम धर्म आचार्यों को आमंत्रित नहीं किया गया. यह सर्वथा अनुचित है. इन सभी धर्मों को अपमानित किया गया. दक्षिण के कट्टरपंथी ब्राह्मण धर्माचार्यों को बुलाकर बीजेपी ब्राह्मणवाद को स्थापित करने में लगी है."


'राष्ट्रपति के हाथों होना चाहिए था संसद भवन का उद्घाटन'


सपा नेता ने कहा कि बीजेपी सरकार महामहिम राष्ट्रपति को भी याद करना भूल गई. सही मायने में नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों होना चाहिए था क्योंकि वही संविधान प्रमुख हैं. दोनों सदन की संरक्षक हैं. उनको समारोह में न बुलाकर आदिवासी पिछड़े समाज का भी बीजेपी ने अपमान किया है. इससे साबित होता है कि बीजेपी सरकार दलित विरोधी है.


राजद के ट्वीट पर स्वामी प्रसाद मौर्या क्या जवाब दिया? 


वहीं राजद के नए संसद भवन की तुलना ताबूत से करने वाले ट्वीट पर स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि हमने दोनों चित्रों को देखा. नया संसद भवन त्रिभुजाकार है और ताबूत भी त्रिभुजाकार है. आरजेडी के नेताओं से संपर्क कर इसका अर्थ पूछना चाहिए. हो सकता है उनका ट्वीट किसी हद तक जायज हो. अच्छा होगा आरजेडी के नेताओं से इसका स्पष्टीकरण लिया जाए.


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