Chandrashekhar Azad: प्रयागराज महाकुंभ हादसे की घटना पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही हैं. विपक्षी दल लगातार इस भगदड़ में मारे गए लोगों की संख्या को लेकर सवाल उठा रहे हैं और सरकार पर सही आंकड़ें छुपाने के आरोप लगा रहे हैं. इस बीच अब यूपी की नगीना सीट से सांसद और आसपा मुखिया चंद्रशेखर आज़ाद का भी बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने भगदड़ की इस घटना को प्रशासन की घोर लापरवाही करार किया और सरकार पर मृतकों के आंकड़े छुपाने का आरोप लगाया. 

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आसपा अध्यक्ष एक अखबार की खबर को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करते हुए एक लंबी पोस्ट लिखी और कहा कि 'प्रयागराज कुंभ में 29 जनवरी को हुई भगदड़ प्राकृतिक दुर्घटना नहीं, बल्कि सरकार और प्रशासन की घोर लापरवाही और अक्षम्य अपराध है. हज़ारों श्रद्धालु संगम स्नान करने आए थे, लेकिन लौटे तो सिर्फ उनके शव! यह एक मौत का मेला था, जिसे प्रशासन ने अपनी कायरता और नाकामी से निर्ममता के साथ अंजाम दिया.'

चंद्रशेखर बोले- मृतकों की सूची सार्वजनिक होनगीना सांसद ने आगे कहा कि- 'सरकार कह रही है कि मौतें सिर्फ 30 हुईं, लेकिन शवों पर अंकित 48 और 61 नंबर साफ दिखाते हैं कि असलियत कुछ और ही है. अगर मरने वाले 30 थे, तो शवों की गिनती उससे ज्यादा कैसे हो रही है? सरकार सच्चाई छिपाकर मृतकों का अपमान कर रही है.

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राजस्थान के अजमेर जिले की न्याली देवी की मौत इस भगदड़ में हो गई. उनके पति रामनारायण को न पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिली, न मृत्यु प्रमाण पत्र. बस 15,000 रुपये लिफाफे में थमाकर चुप कराने की कोशिश की गई. क्या गरीब की जान की यही कीमत है? क्या सरकार पैसे से अपने पाप छिपा लेगी? प्रशासन की अमानवीयता—मरने के बाद भी सम्मान नहीं! सरकार को अब जवाब देना ही होगा! सभी मृतकों की सटीक संख्या सार्वजनिक की जाए! हर पीड़ित परिवार को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए! दोषी अधिकारियों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाए! भविष्य में ऐसे आयोजनों में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए जाएं! अगर सरकार इस नरसंहार पर भी चुप्पी साधे बैठी रही, तो जनता इसे माफ नहीं करेगी! यह लोकतंत्र है, कोई साम्राज्य नहीं जहां जनता की लाशों पर सत्ता की इमारत खड़ी की जाए. सरकार को इसका हिसाब देना ही होगा!' 

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