जगद्गुरु रामभद्राचार्य के मिनी पाकिस्तान वाले बयान पर छिड़े विवाद में आजाद समाज पार्टी के मुखिया और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद की भी एंट्री हो गई हैं. आसपा सांसद ने उनका नाम लिए बिना तीखा हमला किया और कहा कि एक ऐसे संत है जिनकी आंखें नहीं है, सोचिए उनके कितने पाप होंगे? 

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नगीना सांसद बुधवार को बरेली में प्रबुद्धजन सम्मेलन में शामिल हुए, जहां उन्होंने मेरठ में हुई रामकथा के दौरान पश्चिमी यूपी के मिनी पाकिस्तान कहे जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने जगद्गुरु रामभद्राचार्य का नाम लिए बना कहा कि "संत की ना तो जाति होती है और ना धर्म, संत सब धर्म का होता है. 

'जिनकी आंखें नहीं उनके कितने पाप होंगे'

चंद्रशेखर ने कहा कि मेरठ का संबंध 1857 की क्रांति से है. ऐसे में उसे गलत तरीके से संबोधित करना गलत है. रामभद्राचार्य पर व्यंग्य करते हुए कहा कि सुना है उन्हें (रामभद्राचार्य) बचपन से दिखाई भी नहीं देता. हमने तो यह भी सुना है कि इंसान को अपने पूर्व जन्मों के कर्मों का फल मिलता है तो उन्होंने अपने पिछले जन्म में कितने बुरे काम किए होंगे कि कुदरत ने उन्हें आंखें नहीं दीं. 

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एक ऐसे संत हैं जिनका आंखें नहीं हैं सोच लीजिए उनके कितने पाप होंगे और लोग ऐसे अपराधी से ज्ञान ले रहे हैं. सनातन के हिसा से कोई व्यक्ति इतनी बड़ी सजा कैसा पाता होगा कि उसे आंखें ही न दीं जाएं? ये सोचने वाली बात है. मेरठ की धरती किसानों और 1857 के विद्रोह की धरती है. ऐसी जगह को मिनी पाकिस्तान कहना निंदनीय है.  

पश्चिमी यूपी को बताया मिनी पाकिस्तान

बता दें कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने बीते दिनों मेरठ में रामकथा की थी, इस दौरान उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को मिनी पाकिस्तान कह दिया था. उन्होंने कहा कि आज हिंदुओं पर बड़ा संकट है. यहां आकर मिनी पाकिस्तान जैसा लगता है. 

रामभद्राचार्य के इस बयान पर बहस छिड़ गई है. शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि योगी राज में पाकिस्तान बन रहा है ये सोचने वाली बात है. वहीं समाजवादी पार्टी और अन्य विरोधी दलों ने भी उनके बयान पर आपत्ति जताई और चंद्रशेखर आज़ाद ने भी उनके बयान की आलोचना करते हुए इसे समाज के विरुद्ध बताया है. 

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