जगद्गुरु रामभद्राचार्य के पश्चिमी यूपी को मिनी पाकिस्तान कहने वाले बयान पर आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. बरेली में एक कार्यक्रम के दौरान चंद्रशेखर आजाद ने बिना नाम लिए कहा कि संत की ना तो जाति होती है और ना धर्म, संत सब धर्म का होता है. नगीना सांसद ने कहा कि मेरठ का संबंध 1857 की क्रांति से है, ऐसे में उसे गलत तरीके से संबोधित करना गलत है.
नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने व्यंग्य करते हुए कहा कि सुना है उन्हें (रामभद्राचार्य) बचपन से दिखाई भी नहीं देता. हमने तो यह भी सुना है कि इंसान को अपने पूर्व जन्मों के कर्मों का फल मिलता है तो उन्होंने अपने पिछले जन्म में कितने बुरे काम किए होंगे कि कुदरत ने उन्हें आंखें नहीं दीं.
भारत का संविधान खतरे में है- चंद्रशेखर आजाद
गौरतलब है कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने हाल ही में पश्चिमी उत्तर प्रदेश को मिनी पाकिस्तान करार दिया था, जिसके बाद विपक्ष लगातार उन पर हमलावर है. वहीं बढ़ते विवाद के बीच रामभद्राचार्य को एक महिला संत का समर्थन भी मिला है. चंद्रशेखर आजाद ने प्रबुद्ध सम्मेलन में कई बड़े मुद्दे उठाए. उन्होंने कहा कि भारत का संविधान खतरे में है और इसे बचाने के लिए जनता को एकजुट होना होगा. आजाद ने दावा किया कि आगामी चुनाव में बरेली की सभी सीटों पर आजाद समाज पार्टी विरोधियों के दांत खट्टे कर देगी.
ईवीएम को लेकर भी नगीना सांसद ने खड़े किए सवाल
नगीना सांसद ने ईवीएम को लेकर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि देश में लंबे समय से ईवीएम से चुनाव हो रहे हैं लेकिन जनता का उस पर भरोसा नहीं है. ऐसे में चुनाव ईवीएम से हों या बैलेट पेपर से, यह सवाल उन्होंने सम्मेलन में मौजूद लोगों से पूछा.
जातिगत गणना के साथ आर्थिक आंकड़े भी जारी किए जाएं- चंद्रशेखर आजाद
जातिगत गणना पर नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि आखिरी बार यह 1971 में हुई थी. उसके बाद सिर्फ एससी-एसटी की गणना हुई, लेकिन सम्पूर्ण जातिगत जनगणना अब तक नहीं कराई गई. उनकी मांग है कि जातिगत गणना के साथ आर्थिक आंकड़े भी जारी किए जाएं, ताकि साफ हो सके कि किसके पास कितना संसाधन है और कौन-सा वर्ग किस स्थिति में है. उन्होंने कहा कि जातिगत और आर्थिक दोनों तरह की गणना से ही समाज के कमजोर वर्गों को असली न्याय मिल पाएगा और तभी समानता का सपना पूरा होगा.