देशभर में 79वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न जोश और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. हर गली-मोहल्ले, स्कूल, कॉलेज और सरकारी संस्थानों में तिरंगा लहरा रहा है. इसी कड़ी में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर स्थित मदरसा महमूदिया सरवट में स्वतंत्रता दिवस का आयोजन ऐतिहासिक और धूमधाम से किया गया.

इस आयोजन में मासूम बच्चों की मुस्कान और शिक्षकों के जोश ने देशभक्ति की भावना को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, जो एक प्रेरणादायक दृश्य प्रस्तुत करता है.

तिरंगा फहराने और गीतों से गूंजा मदरसा

मदरसे में कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 8:00 बजे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराने के साथ हुई. तिरंगे के लहराते ही मदरसे का प्रांगण ‘जन गण मन’ की मधुर और गूंजती आवाज से भर गया. बच्चों की मासूमियत भरी आवाज और शिक्षकों के गर्व से भरे स्वर ने देशभक्ति का अनोखा माहौल बनाया. बच्चे हाथों में तिरंगा लेकर मुस्कुराते हुए प्रांगण में दौड़ रहे थे, जबकि मंच पर ‘सारे जहां से अच्छा’ और ‘ऐ वतन, वतन मेरे’ जैसे देशभक्ति गीतों ने सभी को भावुक कर दिया.

स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणा

शिक्षकों ने बच्चों को स्वतंत्रता संग्राम की कहानियां सुनाई, जिसमें बताया गया कि आजादी के लिए पूर्वजों ने वर्षों तक संघर्ष किया और अपने प्राण न्योछावर किए. बच्चों ने महान स्वतंत्रता सेनानियों पर भाषण और कविताएं प्रस्तुत कीं, जो दर्शकों के दिल को छू गईं. मदरसे के शिक्षकों ने जोर देकर कहा कि स्वतंत्रता दिवस केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि देशप्रेम, एकता और बलिदान की भावना को जागृत करने का अवसर है.

मौलाना कलीमुल्लाह का बयान

मदरसे के सदर हजरत मौलाना कलीमुल्लाह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम देश के लिए सब कुछ कुर्बान करने को तैयार हैं. आज बच्चों को बताया कि हमारे बड़ों ने आजादी के लिए बलिदान दिया. इस मदरसे की बुनियाद आजादी की जंग के दौरान रखी गई थी, और तब से हर साल यह जश्न धूमधाम से मनाया जाता है. अगर देश पर मुसीबत आए, तो मैं और हमारे छात्र सबसे आगे होंगे.

तिरंगे की शान और एकता का संदेश

मदरसा महमूदिया सरवट का यह आयोजन एक सांस्कृतिक कार्यक्रम से कहीं बढ़कर था. यह देशभक्ति के प्रति समर्पण का संदेश था. धर्म, जाति या वर्ग से परे, शिक्षक और छात्र एक स्वर में ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगा रहे थे मदरसे के आंगन में तिरंगा सजावट, बच्चों की रंग-बिरंगी पोशाकें और चेहरों पर देशभक्ति की चमक ने माहौल को खास बना दिया. कार्यक्रम के अंत में सभी ने देश की एकता, अखंडता और विकास के लिए संकल्प लिया.