यूपी में जिलों के नाम बदलने के बाद अब मोहल्ले का नाम बदलने की मांग उठाई गई है. उत्तर प्रदेश विधान परिषद में ‘विजन 2047’ दस्तावेज़ पर चर्चा के दौरान मेरठ के इस्लामाबाद मोहल्ले का नाम बदलने की मांग की गई है. इस्लामाबाद मोहल्ले का नाम बदलकर स्वतंत्रता सेनानी मातादीन वाल्मीकि के नाम पर रखने की मांग की गई.

दरअसल, परिषद के सदस्य धर्मेंद्र भारद्वाज ने बृहस्पतिवार 14 अगस्त 2025, को सदन में कहा कि मेरठ को भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का उद्गम स्थल माना जाता है. उन्होंने कहा, ‘‘मेरठ में इस्लामाबाद नाम का एक मोहल्ला है. मैं पूछता हूं कि कांग्रेस ने इस बड़े मोहल्ले का नाम इस्लामाबाद क्यों रखा?’’

कांग्रेस पर बोला जुबानी हमला

धर्मेंद्र भारद्वाज ने कांग्रेस पार्टी पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा, "कांग्रेस को पाकिस्तान से इतना प्रेम था कि उसने क्रांति की धरती मेरठ में एक उपनगर का नाम पाकिस्तान की राजधानी के नाम पर इस्लामाबाद रख दिया.” उन्होंने इसे शर्मनाक बताते हुए कहा कि मेरठ, जो 1857 की क्रांति और शहीद मंगल पाण्डेय की कर्मभूमि रही है, वहां इस तरह का नामकरण स्वीकार्य नहीं है.

इस्लामाबाद मोहल्ले का नाम मातादीन वाल्मीकि के नाम पर करने की मांग

परिषद के सदस्य धर्मेंद्र भारद्वाज ने कहा, "सभापति के माध्यम से मैं अनुरोध करता हूं कि इस मुहल्ले का नाम बदलकर मातादीन वाल्मीकि के नाम पर रख दिया जाए." धर्मेंद्र भारद्वाज ने कहा, "मेरठ में जन्मे मातादीन वाल्मीकि को 1857 के विद्रोह के नायकों में गिना जाता है. उन्होंने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की कारतूस फैक्टरी में काम किया और अंग्रेजी शासन के खिलाफ विद्रोह की घटनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई."

मुस्लिम बहुल मोहल्ला है इस्लामाबाद

धर्मेंद्र भारद्वाज ने कहा, मेरठ शहर हमेशा से क्रांति और बलिदान का प्रतीक रहा है. उन्होंने तर्क दिया कि उपनगर का नाम बदलना न केवल मेरठ की गौरवशाली विरासत को सम्मान देगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान से प्रेरणा भी देगा. आपको बता दें कि, इस्लामाबाद मेरठ के पुराने शहर में एक बस्ती है. यह मुस्लिम बहुल मुहल्ला लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के तहत आता है.

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