पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें कई साल पहले मर चुके तीन लोगों को कागजों में जिंदा दिखाकर करोड़ों की जमीन हड़पने की साजिश रची गई. मामला भोपा थाना क्षेत्र का है, जहां एक ही परिवार के समरपाल नामक व्यक्ति पर आरोप है कि उसने अपने मृत रिश्तेदार मदनपाल, धर्मपाल और विक्रम सिंह को जीवित दिखाते हुए उनके फर्जी एफिडेविट तहसील में जमा करा दिए. आरोप है कि इन दस्तावेजों के आधार पर करीब 15 करोड़ रुपये की 15 बीघा कृषि भूमि को आबादी घोषित कराकर उस पर कब्जा करने की कोशिश की गई.

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परिजनों को जब इस साजिश की जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत इसकी शिकायत पुलिस से की. पुलिस ने प्रारंभिक स्तर पर मुकदमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन परिजन जांच से असंतुष्ट रहे. पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस ने गंभीर धाराएँ लगानी चाहिए थीं, लेकिन मामले को हल्का बनाकर सिर्फ साधारण धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया. इसी को लेकर गुरुवार को परिवार कचहरी स्थित एसएसपी कार्यालय पहुंचा और एसपी ग्रामीण आदित्य बंसल से निष्पक्ष जांच की मांग की.

पुलिस पर जांच में लापरवाही बरतने का आरोप

पीड़ित पक्ष के रिश्तेदार श्रवण कुमार का कहना है कि यह जमीन उनके बहनोई की है और आरोपित समरपाल ने मृतकों के नाम पर फर्जी कागजात बनवाकर धारा 80 लागू करवा ली. उनका कहना है कि जिन लोगों के एफिडेविट लगाए गए, वे 4 साल, 5 साल और 10 साल पहले मर चुके थे. इसके बावजूद उनके नाम से आदेश जारी कर दिया गया. पीड़ित का आरोप है कि 420, 420/471 और 338 BNS जैसी धाराएँ लगानी चाहिए थीं, लेकिन पुलिस ने जांच में लापरवाही बरती.

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एसपी ग्रामीण ने दिया सख्त कार्रवाई का आश्वासन

वहीं एसपी ग्रामीण आदित्य बंसल का कहना है कि मामला गंभीर है. मर चुके व्यक्तियों के नाम पर एफिडेविट लगाने के आरोप की जांच के बाद भोपा थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. विस्तृत विवेचना जारी है और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.