Mussoorie News: उत्तराखंड (Uttarakhand) में मसूरी नगर पालिका (Mussoorie Municipality) प्रशासन ने नियमों को ताक पर रखकर राष्ट्रीय राजमार्ग, लोक निर्माण विभाग और विकास प्राधिकरण के बिना अनुमति के 19 दुकानों का निर्माण करा दिया है. इसे हटाने को लेकर मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण, राष्ट्रीय राजमार्ग और लोक निर्माण विभाग ने चालान कर अवैध रूप निर्मित दुकानों को हटाने के निर्देश दिए हैं. इसके लेकर पिछले दिनों जिला प्रशासन की ओर से नाराजगी व्यक्त की गई थी, जिस पर नगर पालिका ने 15 में से 4 दुकानों को हटाने का निर्णय लिया. 


वहीं अवैध तरीके से बनी दुकानों के हो रहे लगातार विरोध को देखते हुए नगर पालिका प्रशासन की ओर से इसे अधिकृत बनाए जाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो इन दिनों मसूरी में चर्चा का विषय बना हुआ है. अनाधिकृत दुकानों पर मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण, राष्ट्रीय राजमार्ग और लोक निर्माण विभाग की तरफ से चालान कर तत्काल दुकानों को हटाने की कार्रवाई करने के बाद नगर पालिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का इस्तेमाल कर पीएम स्ट्रीट वेंडर्स जोन का नाम दे दिया है.


अधिशासी अधिकारी को नहीं दुकानों की खबर


इस बीच अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी को दुकानों पर पीएम स्ट्रीट वेंडर का बोर्ड लगाने की खबर ही नहीं है. जब टेलीफोन पर पूछा गया तो उन्होंने साफ मना कर दिया कि उनको तो पता ही नहीं है कि किसने वहां पर पीएम स्ट्रीट वेंडर्स जोन बना दिया है. इससे साफ है कि पालिका प्रशासन बिना सोचे समझे योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहा है, जिसका सीधा नुकसान जनता को हो रहा है. नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता नियमों का उल्लंघन कर सभी विभागों को ठेंगा दिखाते हुए अपनी हठधर्मिता का परिचय दे रहे हैं.


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एसडीएम के नेतृत्व में करवाया गया था सड़क को खाली 


जिला अधिकारी सोनिका सिंह ने भी पालिका द्वारा किए जा रहे अनाधिकृत कामों पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए तत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय राजमार्ग, लोक निर्माण विभाग और मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण को संयुक्त रूप से नियमों का उल्लंघन कर वेंडर्स जोन के नाम पर बनाई जा रही दुकानों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. आपको बता दें कि मसूरी में पालिका प्रशासन, लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग और जिला प्रशासन द्वारा एसडीएम के नेतृत्व में अलग-अलग जगहों से सड़क किनारे अनाधिकृत रूप से अतिक्रमण का बनाई गई दुकान, खोकों पर कार्रवाई करते हुए उनको पूर्ण रूप से ध्वस्त कर सड़क को खाली करवाया गया था.


दुकानों के निर्माण के लिए नहीं ली गई अनुमति


इसके बाद भी पालिका प्रशासन द्वारा सभी नियमों को ताक पर रख कर वेंडर्स जोन के नाम पर दुकानों का निर्माण करा दिया गया है. वहीं वेंडरों को दुकान देने के नाम पर बड़ा खेल खेला जा रहा है. नगर पालिका प्रशासन द्वारा सड़क किनारे दुकानों का निर्माण कराने को लेकर किसी भी संबधित विभाग और सरकार से अनुमति नहीं ली गई है, जो अपने आप में कई सवाल खड़े करता है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि जिलाधिकारी सोनिका सिंह इस पूरे मामले में किस तरीके की कार्रवाई करती है.