Mukhtar Ansari Death News: मुख्तार अंसारी की गुरुवार शाम को मौत हो गई. वह बांदा स्थित जिला कारागार में साल 2021 से बंद थे. हार्ट अटैक आने के बाद उन्हें बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. जहां उन्हें डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. अंसारी की मौत के बाद पूर्व डीएसपी शैलेन्द्र सिंह ने उससे जुड़ा एक किस्सा याद किया है. उन्होंने दावा किया कि मुलायम सिंह की सरकार अंसारी को बचाना चाहती थी और मुझे इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया.


सिंह ने कहा कि 20 साल पहले, 2004 में मुख्तार अंसारी का साम्राज्य चरम पर था. वह उन इलाकों में खुली जीप में घूमता था जहां कर्फ्यू लगा हुआ था. उस समय मैंने एक लाइट मशीन गन बरामद की थी, इससे पहले या उसके बाद कोई बरामदगी नहीं हुई थी.  मैंने उन पर पोटा भी लगाया, लेकिन मुलायम सरकार उन्हें किसी भी कीमत पर बचाना चाहती थी.


मुलायम सिंह ने अधिकारियों पर डाला था दबाव
शैलेंद्र सिंह ने दावा किया कि उन्होंने अधिकारियों पर दबाव डाला, आईजी-रेंज, डीआईजी और एसपी-एसटीएफ का तबादला कर दिया गया, यहां तक कि मुझे 15 दिन के भीतर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया. उन्होंने कहा- लेकिन मैंने अपने इस्तीफे में अपना कारण लिखा और जनता के सामने रखा कि यह वही सरकार है जिसे आपने चुना था, जो माफियाओं को संरक्षण दे रही है और उनके आदेश पर काम कर रही है. मैं किसी पर एहसान नहीं कर रहा था, यह मेरा कर्तव्य था.


मुख्तार के किस्से बंया कर जब रो पड़े थे शैलेंद्र सिंह
शैलेंद्र सिंह उस वक्त रो पड़े थे जब मुख्तार अंसारी के किस्से को बंया कर रहे थे. उन्होंने मीडिया चैनल आजतक से बातचीत में बताया था कि 17 साल हम लोगों का कीमती समय जब बर्बाद होता है न तो कोई नहीं पूछता है, किस परिस्थिति में हम लोग जीते हैं. इतना कहने के बाद शैलेंद्र सिंह रो पड़े. उन्होंने ये भी कहा था कि मुझे नौकरी छोड़ने का दर्द नहीं है लेकिन किस परिस्थिति में हम लोग जीते हैं, हम लोग ही जानते हैं,किस तरह से जान बची है. उनसे जब पूछा गया कि आज भी आप खौफ में हैं तो उन्होंने कहा खौफ की बात नहीं है जिस राह पर चले हैं तो अब डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन परिवार को परेशानी होती है तो तकलीफ होती है.


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