Op Rajbhar On Mukhtar Ansari: बाहुबली मुख्तार अंसारी और यूपी सरकार में कबीना मंत्री ओम प्रकाश राजभर के बीच प्रेम बहुत पुराना है. मुख्तार अंसारी और राजभर के बीच प्रेम कहानी की बात इसलिए कहीं जा रही है क्योंकि मुख्तार अंसारी को ओमप्रकाश राजभर मसीहा कहने में गुरेज नहीं करते . एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश की मौजूदा भारतीय जनता पार्टी की सरकार मुख्तार अंसारी को माफिया कहती है और मुख्तार अंसारी पर कई कानूनी कार्यवाही भी इस सरकार में हुई है. वहीं इस सरकार में मौजूद कबीना मंत्री ओमप्रकाश राजभर मुख्तार को लोगों की मदद करने मसीहा बताने में गुरेज नहीं करते हैं.


राजभर  राजनीति की शुरुआत से पहले वो अपने जीविकापार्जन के लिए टेंपो चलाने का काम करते थे और उसके बाद धीरे धीरे वो बसपा के करीब आए . राजभर में बहुजन समाज पार्टी के लिए काम किया और बहुजन समाज पार्टी के सिंबल पर साल 1991 और साल1996 में कोलसाला विधानसभा सीट से प्रत्याशी भी रहे. दोनों बार चुनाव में ओम प्रकाश राजभर तीसरे स्थान पर रहे उसके बाद साल 2002 में बसपा से टिकट न मिलने पर उन्होंने  सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का गठन किया. 


मुख्तार और राजभर ने बनाई एक रेल पटरी...
वरिष्ठ पत्रकार परवेज अहमद बताते हैं कि इस नई राजनीतिक दल की शुरुवात के बस पूर्वांचल में मुख्तार और राजभर की दोस्ती हुई. दोनों एक दूसरे की जातियों को जोड़ने के लिए एक दूसरे के साथ आए. राजनीति में एक दूसरे को सहारा देने के लिए राजभर और मुख्तार ने एक रेल पटरी बनाई और एक दूसरे के वोटों को एक दूसरे को ट्रांसफर कराया. इसका लाभ राजभर और मुख्तार दोनों को हुआ. तमाम ऊंच नीच के बावजूद न कभी मुख्तार ने अपने रिश्ते राजभर से नकारे और न कभी राजभर ने मुख्तार से अपने रिश्ते नकारे.


मऊ में वरिष्ठ पत्रकार विनय जयसवाल ने एबीपी लाइव से बातचीत में कहा कि मुख्तार और राजभर एक दूसरे के पूरक रहे हैं . मुख्तार अंसारी जिस मऊ की सदर सीट से पांच बार विधायक रहे हैं. उस सीट पर राजभर वोट बैंक की संख्या लगभग 50 हजार है और वहां राजभरों का वोट मुख्तार को दिलाने में ओम प्रकाश राजभर मदद करते थे और ओमप्रकाश राजभर को हर स्तर पर मदद मुख्तार अंसारी करते थे. 


जेल में जाकर मुख्तार से मिलते रहे हैं राजभर
ओमप्रकाश राजभर अपने और मुख्तार अंसारी के रिश्तों को लेकर के बेहद मुखर रहे हैं . उन्होंने अलग-अलग समय पर मुख्तार अंसारी से अपने रिश्तों पर कई बयान दिए हैं . राजभर ने एक बार यहां तक कहा था कि मैं सिर्फ मुख्तार अंसारी के संपर्क में ही नहीं हूं बल्कि मंत्री रहते हुए भी उनसे कई बार जेल में जाकर मिला हूं. मुख्तार अंसारी ने दावा किया था कि वो 6 बार बांदा जेल में और पंजाब के  रोपड़ जाने के बाद भी वहां जाकर मुख्तार से मिले हैं.


राजभर की पार्टी से मुख्तार के बेटे हैं विधायक
मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी भी मुख्तार अंसारी की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के सिंबल पर 2022 का विधानसभा चुनाव लड़े थे और जीते थे. हालांकि ओम प्रकाश राजभर इस पर अखिलेश यादव को क्रेडिट देते हैं और कहते हैं कि अखिलेश यादव ने राजभर के सिंबल पर अब्बास अंसारी को टिकट दिलाया था.