Usri Chatti Case: पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) और बृजेश सिंह (Brijesh Singh) से जुड़े उसरी चट्टी कांड (Usri Chatti Case) की सुनवाई पूरी हो गई है. जस्टिस डीके सिंह की सिंगल बेंच में सुनवाई पूरी हुई. सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस मामले पर आज शाम तक फैसला आ सकता है. वहीं दूसरी तरफ माफिया बृजेश सिंह के साथ आरोपी बनाए गए त्रिभुवन सिंह ने मुकदमे के ट्रायल को लेकर कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है, जिसमें मुकदमे का ट्रायल गाजीपुर की बजाय किसी और जनपद में कराए जाने की मांग की गई है. 


त्रिभुवन सिंह द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि इस मुकदमे का ट्रायल गाजीपुर जनपद की जगह किसी और जनपद में कराया जाए. उन्होंने कहा कि गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी सांसद हैं. ऐसे में जनपद में उनके परिवार का काफी रसूख हैं, जिसकी वजह से मुकदमे का निष्पक्ष ट्रायल नहीं हो सकता. इसलिए मुकदमा किसी दूसरे जिले की कोर्ट में ट्रांसफर किया था. कोर्ट ने फिलहाल ट्रायल पर रोक लगा रखी है. 


क्या है उसरी चट्टी कांड?


उसरी चट्टी का चर्चित मामला 21 साल पुराना है. 15 जुलाई 2001 को यूपी में पंचायत चुनाव चल रहे थे. मुख्तार अंसारी अपने समर्थकों का प्रचार करने के लिए रविवार की छुट्टी के दिन भी अपने गांव मोहम्मदाबाद से काफिले के साथ निकला हुआ था. मोहम्मदाबाद से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित उसरी चट्टी गांव में कुछ लोग एक ट्रक पर छिपे हुए थे. मुख्तार का काफिला नजदीक आने पर ट्रक पर सवार लोगों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. इस हमले में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि मुख्तार समेत दर्जनभर लोग घायल हुए थे. मुख्तार अंसारी ने इस मामले में बृजेश सिंह और उसके साथी त्रिभुवन सिंह को नामजद कराते हुए कुल 17 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. बृजेश और त्रिभुवन के अलावा बाकी 15 लोग अज्ञात थे.


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