Meerut Nagar Nigam Case: मेरठ नगर निगम की बोर्ड बैठक में पार्षदों की पिटाई का मामला सुलझ गया है. बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और सांसद डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने मध्यस्थता की है. सर्किट हाउस में घंटों चली वार्ता के बाद मारपीट प्रकरण का विवाद निपटा. ऊर्जा राज्य मंत्री डॉक्टर सोमेंद्र तोमर, एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज और सपा पार्षद कीर्ति घोपला, बसपा पार्षद आशीष चौधरी के बीच लिखित समझौता हो गया. डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने दोनों पक्षों के बीच गिले शिकवे भी दूर कराए.


मेरठ नगर निगम की बोर्ड बैठक में मारपीट प्रकरण


इस समझौते के बारे में पार्षद कीर्ति घोपला ने जानकारी दी. उन्होंने कहा कि डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपेयी सम्मानीय नेता हैं. लोगों के साथ हम भी उनका सम्मान करते हैं. इसलिए उनकी बात मान ली गई. समझौते की टेबल पर मेयर हरिकांत अहलूवालिया और महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन ऋतुराज भी मौजूद रहे. कीर्ति घोपला ने कहा कि कलेक्ट्रेट में पूर्व मंत्री मुकेश सिद्धार्थ के बयान से माहौल गर्म हो गया था. मैं नहीं चाहता था शहर में कुछ गलत हो या मेरे समाज के खिलाफ मुकदमे लिखे जाएं. इसलिए समझौते की बात आगे बढ़ी.


सांसद लक्ष्मीकांत वाजयपेयी ने कराया समझौता


बता दें कि 30 दिसंबर को नगर निगम की बोर्ड बैठक में हंगामा और मारपीट की घटना सामने आई थी. सपा पार्षद कीर्ति घोपला और बसपा पार्षद आशीष चौधरी को सड़क पर दौड़ा दौड़ा पर पीटा गया था. सपा-बसपा के पार्षदों की पिटाई करते हुए मंत्री सोमेंद्र तोमर और एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. नगर निगम में मारपीट प्रकरण से बीजेपी के खिलाफ विपक्ष लामबंद हो गया.


दोनों पक्षों की तरफ से गंभीर आरोप लगाए जाने लगे. आखिरकार शनिवार रात सर्किट हाउस में दोनों पक्षों के बीच सुलह हो गई. सपा प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की अगुवाई में पार्षद कीर्ति घोपला के घर पहुंचकर मुलाकात की भी थी. उन्होंने कहा था कि घटना पर सत्ता पक्ष गलतियों को सुधारने के लिए तैयार नहीं है. 


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