Moradabad Moong Dal: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की प्रसिद्ध मूंग की दाल को अब विशेष दर्जा मिलने वाला है. इसके लिए प्रशासनिक अफसरों ने मुरादाबाद मंडल प्रसिद्ध व्यंजनों की लिस्ट जिले वार बना कर इसका प्रस्ताव सरकार को भेजा है. मुरादाबादी मूंग की दाल को विशेष दर्जा दिलाने के लिए इसका प्रस्ताव प्रशासनिक अफसरों ने तैयार करवाया है.
इसके साथ ही मंडल के अन्य सभी जिलों के प्रसिद्ध खाद्य पदार्थों को भी शामिल किया गया है. मुरादाबादी की मूंग की दाल अन्य प्रदेशों में भी विवाह समारोह आदि में शौक से बनवाई जाती है और मेहमान इसे खाने से पहले टेस्ट करना नहीं भूलते, अफसरों की तरफ से उत्तर प्रदेश सरकार को वन डिस्ट्रिक वन कुकीज में इसे शामिल करवाने का प्रयास भी किया जा रहा है.
बाहर भी बहुत प्रसिद्धमुरादाबादी दाल जिले भर में लोगों के बीच सुबह के नाश्ते का प्रमुख व्यंजन बन चुकी है. इतना ही नहीं दिल्ली, हरियाणा और पंजाब से लेकर अन्य प्रांतों तक शादी विवाह में इस दाल के स्टाल देखने को मिल जाते हैं. मुरादाबाद के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि मुरादाबाद मंडल में बहुत सारे ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो यहां की खासियत है. इसके साथ ही बाहर भी बहुत प्रसिद्ध है.
कमिश्नर ने कहा कि लोग जब बाहर से आते हैं तो इन खाद्य पदार्थों की मांग करते हैं, उसमें रामपुर का हलवा और मुरादाबाद की मूंग की दाल है. बिजनोर नगीना के रसगुल्ले, संभल में गजक और पेड़े मशहूर हैं. इन सभी चीजों को आईडेंटिफाई किया जा रहा है और इन सभी चीजों को जीआई टैगिंग दिलाने का प्रयास किया जा रहा है. रामपुर में हब्शी हलवे को जीआई टैगिंग के लिए आवेदन हो चुका है.
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बिजनेस का वॉल्यूम भी बढ़ेगा- कमिश्नरउन्होंने कहा कि मुरादाबाद मंडल के इन व्यंजनों का की टैगिंग होने से जनता इनकी खासियत को अच्छे तरीके से जान सकेगी. अन्य जगहों पर उसे कॉपी भले ही किया जाए. लेकिन यहां पर उसकी पहचान सुनिश्चित रहेगी. इसके साथ ही इसे जब पहचान मिलेगी. तो इसका बिजनेस का वॉल्यूम भी बढ़ेगा. इसके साथ ही लोगों को इसमें रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे.
मुरादाबाद के कमिश्नर ने कहा कि मुरादाबाद मंडल के सभी व्यंजनों को जीआई टैगिंग दिलाने का प्रयास किया जा रहा है. इसी प्रकार मुरादाबाद की मूंग की दाल को भी जीआई टैगिंग दिलाने की तैयारी चल रही है. इसमें कुछ दिक्कत है इन्हें दूर करके मूंग की दाल को विशेष दर्जा दिलाया जाएगा.