UP News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के मुसलमानों पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रियाओं को दौर जारी है. अब उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद (Moradabad) के कुंदरकी से समाजवादी पार्टी (SP) के विधायक जियाउर्रहमान बर्क (Zia Ur Rehman Barq) ने कहा कि हाथी के दांत दिखाने के और होते हैं, खाने के दूसरे होते हैं. उन्होंने कहा कि वह इस तरह से मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं. एक तरफ कह रहे हैं कि मुसलमान इस देश के नागरिक नहीं हैं और फिर कह रहे हैं कि मुसलमान के लिए बीजेपी-आरएसएस गैर नहीं है, तो फिर उनके साथ सड़कों पर क्यों मॉब लिंचिंग की जाती है.


जियाउर्रहमान बर्क ने आगे कहा कि मुसलमानों का हक उन्हें क्यूं नहीं मिल पा रहा है. त्योहार-जुलूसों पर पाबंदी क्यों लगाई जाती है. उन्होंने संसद में बीएसपी सांसद कुंवर दानिश अली प्रकरण पर भी संघ प्रमुख से सवाल पूछते हुए कहा कि बीजेपी के सांसद ऐसे शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं, जो गली-कूचों में भी नहीं बोले जाते हैं. मुसलमानों को क्यों जलील किया गया है?


'दानिश अली से माफी मांगनी चाहिए'


सपा विधयाक ने यह भी कहा कि बीजेपी और संघ के पदाधिकारियों को कुंवर दानिश अली से माफी मांगनी चाहिए. बीजेपी के उस सांसद को पार्टी से भी निष्कासित करना चाहिए लेकिन बस यही है कि हाथी के दांत दिखाने के कुछ और, खाने के कुछ होते हैं. संघ चुनाव के समय में मुसलमानों को गुमराह करने की कोशिश करता है, जबकि मुसलमानों के खिलाफ ज्यादती खत्म होने का नाम नहीं ले रही है.


'मुसलमान के साथ लगातार हो रहे अत्याचार'


बर्क ने बीजेपी को चैलेंज करते हुए कहा कि अगर दानिश अली का कोई वीडियो पीएम को लेकर है तो उसे सार्वजनिक किया जाए, लेकिन ऐसा कोई वीडियो है ही नहीं. उन्होंने कहा कि मुसलमान के साथ लगातार अत्याचार हो रहे हैं. संघ प्रमुख मुसलमान को गुमराह करने के लिए यह बोल रहे हैं कि वे भी हमारे हैं. अगर ऐसा सच में होता तो मुसलमान के साथ अन्याय न होता. उन्होंने कहा कि यह वही कहावत है कि हाथी के दांत दिखाने के और खाने के और होते हैं. बता दें कि जियाउर्रहमान बर्क के दादा डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क हैं, जो संभल से सांसद हैं.


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