Moradabad News: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के कुंदरकी कस्बे में मजहब की दीवारों को तोड़ मुस्लिमों ने एक मिसाल कायम की है. जहां संतोष नाम के एक बुज़ुर्ग हिन्दू व्यक्ति की मौत हो जाने पर उसका अंतिम संस्कार पूरे हिन्दू रीति रिवाज से मुस्लिमों ने कराया और इंसानियत का सन्देश दिया है.
दरअसल मूलरूप से राजस्थान के रहने वाले संतोष नाम के व्यक्ति सालों पूर्व कस्बा कुंदरकी में आकर एक झोपड़ी में रहने लगे थे. बीमारी के चलते कल रात उनकी मौत हो गई थी. जिसकी सूचना पर मुरादाबाद-आगरा स्टेट हाइवे स्थित टैक्सी स्टैंड पर मौजूद दर्जनों मुस्लिम व्यक्तियों ने पुलिस को दी और फिर बुजुर्ग संतोष के अंतिम संस्कार करने का जिम्मा लेते हुए पहले तो बाजार से अंतिम संस्कार का सामान खरीद कर लाये और फिर अपने हाथों से एक हिन्दू व्यक्ति की अर्थी बनानी शुरू कर दी.
मुस्लिम युवकों ने संतोष का किया अंतिम संस्कारमुस्लिम युवकों द्वारा किए गए इस असाधारण काम को जिसने भी सुना उनके द्वारा की गई इंसानियत की तारीफ की है. एक दर्जन से ज्यादा मुस्लिम युवक ही अपने कंधों पर बुजुर्ग संतोष की अर्थी को लेकर मोक्षधाम पहुंचे और हिन्दू रीति रिवाज से उनका अंतिम संस्कार किया है.
फरहान अली खान बताते हैं कि संतोष दूर दराज के गरीब व्यक्ति थे और झुग्गी झोपड़ी बना कर यहां वर्षों से हमारे पास रह रहे थे. इनकी मौत के बाद हमने पुलिस को इसकी सूचना दी और उन से इजाजत मिलने के बाद हम सब मुस्लिमों ने आपस में मिलकर इसके लिए चंदा किया और सब ने मिलकर इसे सामाजिक कार्य समझते हुए इनका अंतिम संस्कार हिन्दू रीति रिवाज से कराया है.
मुस्लिम समाज के इस काम की सराहना की जा रही हैहम सब मुस्लिम धर्म के लोग हैं लेकिन हमने इंसानियत के नाते यह काम किया है. इंसानियत धर्म से बड़ी चीज़ है. हम इस से यह संदेश देना चाहते हैं की लोग आपस में मुहब्बत रखें और हिन्दू मुस्लिम के चक्कर में न पड़ें. सबसे बड़ी बात इंसानियत की होती है. हम लोगो को जागरूक करना चाहते हैं की सब इंसान आपस में भाई भाई हैं, और हिन्दू मुस्लिम के नाम पर राजनीति बिलकुल नहीं होनी चाहिए.
संतोष का अंतिम संस्कार कराने वाले एक और मुस्लिम युवक जानेआलम ने बताया कि मृतक संतोष बाहर के रहने वाले थे और यहां झुग्गी में रहते थे. हम सब मुस्लिमों ने आपस में चंदा कर के इनका अंतिम संस्कार कराया है और पुलिस को भी इसकी हमने जानकारी दे दी थी. ताकि किसी को कोई आपत्ति न हो. मुस्लिम समाज के लोगो द्वारा हिन्दू व्यक्ति का अंतिम संस्कार कराये जाने को हर कोई सराह रहा है और लोग इसे इंसानियत की मिसाल बता रहे हैं.
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