उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में नगर निगम के डूडा कर्मचारी हर्षित ठाकुर (30) की हत्या के मामले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है. इस हत्याकांड में शामिल दो आरोपियों को मुठभेड़ में टांग में गोली लगने के बाद गिरफ्तार किया गया, जबकि तीन अन्य फरार आरोपियों को कांबिंग ऑपरेशन के जरिए दबोचा गया.
हर्षित ठाकुर की हत्या नगर निगम में दुकान दिलाने के नाम पर लिए गए पांच लाख रुपये के विवाद में की गई थी.
क्या था पूरा मामला?
बता दें कि हर्षित ठाकुर मझोला के नया मुरादाबाद सेक्टर-10 निवासी महेंद्र सिंह का इकलौता बेटा था. वह डूडा में संविदाकर्मी के रूप में कार्यरत था. बुधवार रात (27 अगस्त) को वह अपने दोस्त आकाश मिश्रा को उसके घर प्रकाश नगर, लाइन पार में छोड़कर घर लौट रहा था.
बृहस्पतिवार सुबह करीब चार बजे, घर से महज 500 मीटर की दूरी पर खड़ी वर्ना कार में हर्षित की लाश मिली. उसकी गर्दन के पास गोली मारी गई थी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
पुलिस की कार्रवाई
मुरादाबाद के एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने कबूला है कि हर्षित ठाकुर ने नगर निगम में दुकान दिलाने के लिए अभिषेक सैनी से पांच लाख रुपये लिए थे, लेकिन उसे दुकान नहीं मिली. जब हर्षित ने रुपये वापस मांगे, तो अभिषेक ने रकम लौटाने से इनकार कर दिया. इसी विवाद को लेकर अभिषेक और उसके साथियों ने हर्षित की हत्या की साजिश रची.
पुलिस ने शुक्रवार रात को मुठभेड़ और कांबिंग ऑपरेशन के जरिए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं:
- अभिषेक सैनी, मझोला के गायत्री नगर निवासी
- शुभम ठाकुर, बुद्धि विहार निवासी
- वासित, गलशहीद के असालतपुरा निवासी
- अनमोल जाटव, मझोला के खुशहालपुर निवासी
- राहुल पांडेय, शाहजहांपुर जिले के बंडा थाना क्षेत्र के कस्बा बंडा निवासी
मुठभेड़ के दौरान शुभम ठाकुर और वासित के पैर में गोली लगी, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से हथियार और अन्य सामान भी बरामद किया है.