उत्तर प्रदेश के मेरठ में ट्रैफिक इंस्पेक्टर विनय कुमार शाही द्वारा भाजपा कार्यकर्ता का चालान काटने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. पहले इस मामले में ट्रैफिक इंस्पेक्टर को हटाने की बात सामने आयी. वहीं अब एसपी ट्रैफिक ने स्पष्ट कर दिया है कि ट्रैफिक इंस्पेक्टर अपने पद पर यथावत कार्य कर रहे हैं. ये पूरा मामला सोशल मीडिया पर वायरल है.

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इस मामले को लेकर ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई पर पब्लिक ने भी प्रतिक्रिया दी है. जिसमें ट्रैफिक इंस्पेक्टर पर कार्रवाई पर ऐतराज जताया है.

क्या है पूरा मामला ?

जानकारी के मुताबिक मामला बुधवार का है, जब रेलवे रोड चौराहे के पास भाजपा कार्यकर्ता आशीष बिना हेलमेट के बाइक चला रहे थे और उस पर तीन लोग सवार थे. ट्रैफिक इंस्पेक्टर विनय शाही ने नियमों का हवाला देते हुए उनका  8000 रुपये का चालान काट दिया. इससे नाराज आशीष ने भाजपा पार्षद अरुण मचल को फोन कर सिफारिश की कोशिश की.

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भाजपा पार्षद अरुण मचल खुद भी बिना हेलमेट और गलत दिशा में बुलेट बाइक चलाते हुए मौके पर पहुंचे. ट्रैफिक इंस्पेक्टर विनय शाही ने उनका भी 9000 रुपये का चालान काट दिया. जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया.  भाजपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि जानबूझकर बीजेपी कार्यकर्ताओं का चालान काटा जा रहा है.

एसएसपी की कार्रवाई और फिर स्पष्टीकरण

पहले ये बताया गया कि जब मामले की शिकायत एसएसपी से की गयी. तब ट्रैफिक इंस्पेक्टर को हटा दिया गया है. लेकिन अब एसपी ट्रैफिक राघवेन्द्र मिश्रा ने बताया कि जो भी कार्रवाई की गयी है वो नियमों के मुताबिक की गयी है. और ट्रैफिक इंस्पेक्टर विनय शाही को हटाने की बात गलत है वो अपने पद पर काम कर रहे हैं.

भाजपा कार्यकर्ताओं और ट्रैफिक पुलिस  के बीच ये विवाद अब शहर में चर्चा का विषय बन चुका है. लोग ये सवाल उठा रहे हैं कि बीजेपी कार्यकर्ताओं को ट्रैफिक नियमों में छूट क्यों दी जाए.