UP News: यूपी में कांवड़ यात्रा के दौरान खाने-पीने की दुकानों पर नेम प्लेट विवाद को लेकर जमकर सियासत हो रही है. जिस बरेली-इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि हुकूमत ने जो आदेश जारी किया है, उससे क्या उनकी मुस्लिम दुश्मनी जाहिर नहीं होती है. जबकि मुसलमान कभी कावड़ यात्रा के आड़े नहीं आते हैं.

मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि भाजपा की सारी सियासत मुस्लिम विरोध पर टिकी है, अगर मुसलमानों का नाम और मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने का काम अगर नहीं करें तो चुनाव में कहीं नजर नहीं आएंगे. उनका एक सूत्री कार्यकम है देश का नुकसान होता रहे है. मुसलमान और हिन्दू में नफरत बढ़ाओ और अपनी सत्ता हासिल करो और अपनी सरकार बनाओ. 

उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा शुरू से होती आ रही है इसमें विवाद कहां है? विवाद कौन कर रहा है? मुसलमान तो इस विवाद में नहीं है. मुसलमान को तो कोई एतराज नहीं है. कावड़ यात्रा निकल रही है और निकलनी चाहिए. उनकी आस्था का मामला है और उनकी आस्था में मुसलमान कभी दखल नहीं देगा. विवाद खड़ा कौन रह रहा है और इस विवाद से लाभ किसको हो रहा है. सरकार के इस आदेश से उनकी मुस्लिमों से दुश्मनी साफ ज़ाहिर हो रही है. 

आपातकाल से ज्यादा बुरे हालातदेश में आपातकाल का जिक्र करते हुए मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि हमने वो आपातकाल भी देखा है, उस आपातकाल में और आज आपातकाल नहीं है. इससे ज्यादा खतरनाक दौर हिंदुस्तान में नहीं आया है. इस वक्त आपातकाल से ज्यादा भयानक दौर से हिंदुस्तान को गुजरना पड़ रहा है. ऐसे हालत उस वक्त भी नहीं थे. ये अघोषित अपातकाल है. कोई बोल नहीं सकता है, बुलडोजर और ED का खौफ है.

कांवड़ में खुले में मांस नहीं बेचना चाहिए, मैं इसका विरोध करता हूं. खासकर ऐसे मौकों पर जब लोग अपनी आस्था और भक्ति के साथ सड़कों पर उतरते हैं. लेकिन, मुसलमान से इतनी नफरत है आप नेम प्लेट का इंतजार नहीं कर रहे हैं. पेंट उतरवाने की कोशिश कर रहे हैं. ये बेरोजगार लोग हैं वो चाहते हैं दंगा हो. ऐसे लोगों पर आतंकवादी धारा के तहत कार्रवाई होनी चाहिए. इन पर देशद्रोह का मुकदमा होना चाहिए. योगी जी को असल आतंकी और दंगाई को पहचानना चाहिए. अगर हिन्दू और मुसलमान के नाम पर अन्याय हुआ तो इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे. 

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मुसलमानों की पहचान के लिए लगवाई जा रही नेम प्लेटमौलाना तौकीर रजा ने कहा नेम प्लेट इसलिए लगवाई जा रही है ताकि हिन्दू या मुसलमान की पहचान हो सके. जब किसी ठाकुर या पंडित जी को खून की जरूरत होती है और ब्लड बैंक से खून आता है तो उस पर कोई नेम प्लेट लगवाने का काम क्यों नहीं करता है. पंडित जी की रगों में जब कोई खून चढ़ाया जाता है तो उनका धर्म नहीं भ्रष्ट नहीं होता है. तब उनकी आस्था को नुकसान नहीं होता.