मौलाना तौकीर रजा की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. तौकीर रजा ने सोमवार (1 अप्रैल) को भी कोर्ट में सरेंडर नहीं किया. इसके बाद बरेली जिला जज की अदालत ने तौकीर रजा को भगोड़ा घोषित कर उनके खिलाफ तीसरा एनबीडब्ल्यू जारी किया गया है. पुलिस को आदेश दिया गया है कि वो तौकीर रज़ा के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 82 के तहत कार्रवाई कर तौकीर रज़ा को 8 अप्रैल तक गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करे.


दरअसल तौकीर रज़ा को आज जिला जज की कोर्ट में पेश होना था लेकिन वो पेश नहीं हुए. उन्होंने अपने अधिवक्ताओं को कोर्ट में भेजा, जिस पर जिला जज विनोद कुमार दुबे ने 82 सीआरपीसी के आदेश दिए हैं. साथ ही एनबीडब्ल्यू जारी कर उन्हें गिरफ्तार करने के आदेश दिए हैं. 


कोर्ट ने माना है कि तौकीर रज़ा फरार हैं या अपने आपको कहीं छिपा रखा है, जिस वजह से कोर्ट ने सीआरपीसी 82 की कार्रवाई की है. अगर तौकीर रज़ा 8 अप्रैल को कोर्ट में पेश नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ 83 की कार्यवाही की जाएगी. कुर्की का नोटिस चस्पा कर ढोल बजाकर मुनादी की जायेगी. 


'तुझे ठोकना है #$@&...', मुख्तार अंसारी की मौत के बाद बांदा जेल अधीक्षक को धमकी


दरअसल, एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट रवि कुमार दिवाकर ने 2010 दंगे मामले में आइएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा को दंगे का मास्टर माइंड मानते हुए मामले का स्वतह संज्ञान लेते हुए समन जारी किया था. उसके बाद दो बार एनबीडब्ल्यू जारी किया गया लेकिन पुलिस ने तौकीर रज़ा को गिरफ्तार नहीं किया.


दंगे के अन्य आरोपियों की तरफ से जिला जज की अदालत में कोर्ट बदलने की अर्जी लगाई गई. जिसके बाद जिला जज की अदालत में मामले की सुनवाई शुरू हुई. आज एक अप्रैल को तौकीर रज़ा को कोर्ट में पेश होना था लेकिन ऐसा नहीं हुआ जैसे बाद कोर्ट ने अब सख्त कार्यवाही करते हुए तौकीर रज़ा को भगोड़ा घोषित कर दिया है.