ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने जमीयतुल उलमा के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के ‘‘जुल्म हुआ तो जिहाद होगा’’ वाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उनका (मदनी) बयान समाज को बांटने, देश को भ्रमित करने और मुसलमानों को भड़काने वाला है.
बरेलवी ने कहा कि ‘‘सुप्रीम कोर्ट ही नहीं बल्कि सभी अदालतों पर मुसलमानों का भरोसा है. संसद जनता के हितों के लिए काम करती है और हमें भरोसा है कि कोई भी सरकार जनता के हितों के खिलाफ काम नहीं करती, हर सरकार संविधान के दायरे में रहकर जनता के जन कल्याण के लिए काम करती है.’’
मौलाना मदनी देश के मुसलमानों को उकसा रहे- शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी
मदनी के बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा, ‘‘भारत के करोड़ों मुसलमान सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसलों का सम्मान करते हैं.’’ बरेलवी ने आरोप लगाया, ‘‘मौलाना मदनी देश के मुसलमानों को उकसा रहे हैं. इस वक्त भारत में अमन व शांति है, वे इस शांति के वातावरण को खराब करना चाहते हैं.’’
उल जलूल बयानों से अपने आप को बचाएं मुसलमान- शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी
मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा, ‘‘मैं मौलाना मदनी के बयान की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं और भारत के मुसलमानों से अपील करता हूं कि इस तरह के उल जलूल बयानों से अपने आप को बचाएं तथा विवादित बयानों और समाज को तोड़ने वाले बयानों पर ध्यान न दें.’’
भोपाल में जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एमएम) के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने शनिवार को आरोप लगाया कि देश में एक समूह के ‘वर्चस्व’ को स्थापित करने के लिए ‘‘संगठित प्रयास’’ किए जा रहे हैं, जिनमें बुलडोजर कार्रवाई, भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करना और वक्फ को कमजोर करना शामिल है.
जमीयत (एमएम) की कार्यकारिणी बैठक में मदनी ने कहा कि बाबरी मस्जिद फैसले और ऐसे कई दूसरे फैसलों के बाद यह बात जोर पकड़ रही है कि अदालतें सरकारों के दबाव में काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट अपना कर्तव्य नहीं निभाता है तो वह सुप्रीम कहलाने का हकदार नहीं है.
सरकारों को हमारे धार्मिक कामों में दखल नहीं देना चाहिए- मदनी
उन्होंने कहा, ‘‘वक्फ हमारे पुरखों की विरासत है. हम इसे ऐसे जाते हुए नहीं देख सकते.’’ मदनी ने आरोप लगाया, ‘‘लेकिन नए कानून से सरकार ने कामकाज और आदर्शों को नुकसान पहुंचाया है.’’ जमीयत प्रमुख ने कहा, ‘‘जमीयत ने संयुक्त संसदीय समिति में इसका विरोध किया था. हम यह साफ करना चाहते हैं कि सरकारों को हमारे धार्मिक कामों में दखल नहीं देना चाहिए. हम लड़ेंगे और आखिरी सांस तक लड़ेंगे.’’