जमीयत उलेमा ए हिन्द के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी के जिहाद को लेकर दिए गए बयान ने तूल पकड़ लिया है. इस पर उत्तर प्रदेश के कानपुर में पहुंचे बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि जिहाद मूल रूप से कोई गलत शब्द नहीं है, बल्कि किसी गरीब,पीडित या सताए जा रहे व्यक्ति का समर्थन करना ही वत्स्विक जिहाद है. अब देवबंद में जिहाद की क्या परिभाषा पढ़ाई जा रही है मदनी बताएं.

Continues below advertisement

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान एक कार्यक्रम के सिलसिले में कानपुर पहुंचे थे, जहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में अपनी राय रखी. उन्होंने SIR को लेकर कहा कि बिहार में चुनाव पूरा हो गया, लेकिन कोई शिकायत नहीं की गयी.

देवबंद की किताब का जिक्र

राज्यपाल खान ने कहा कि देवबंद की एक किताब में यह पढ़ाया जाता है कि यदि किसी व्यक्ति को अपने धर्म की ओर बुलाया जाए और वह स्वीकार न करे, तो उस पर जोर जबरदस्ती करना ही जिहाद बताया गया है. उन्होंने कहा कि असली कुरान इस तरह की बात नहीं करता. कुरान के अनुसार किसी मजलूम, परेशान या दुखी व्यक्ति के लिए लड़ाई की जाए, वही जिहाद है.

Continues below advertisement

SIR पर बिहार में शिकायत दर्ज नहीं

इसके साथ ही उन्होंने SIR (विशेष पुनरीक्षण) को लेकर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि इसकी विस्तृत जानकारी उन्हें नहीं है, लेकिन बिहार में इसकी काफी आलोचना हुई थी. चुनाव आयोग ने भी स्पष्ट किया था कि यदि किसी को कोई आपत्ति है तो वे अपनी समस्या लिखकर दें. बिहार चुनाव खत्म हो गए, लेकिन इस विषय में किसी एक व्यक्ति ने भी शिकायत दर्ज नहीं कराई.

दरअसल मौलाना महमूद मदनी ने भोपाल की जमीयत की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी की थी, जिसमे कई मामलों में ख़ामोशी का जिक्र था. जिस पर उन्होंने कहा था कि जब जब  जुल होगा, तब तब जिहाद होगा.