बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर मथुरा की श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद पर बहुत बड़ी खबर सामने आई है, शाही ईदगाह कमेटी के अध्यक्ष जैड हसन साहब ने शाही ईदगाह और श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद पर बड़ा बयान दिया है. शाही ईदगाह कमेटी के अध्यक्ष जैड हसन साहब ने श्री कृष्ण जन्म स्थान और शाही ईदगाह विवाद मामले को बैठकर निपटाने की वकालत की है.

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शाही ईदगाह कमेटी के अध्यक्ष जैड हसन ने एबीपी न्यूज से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा है कि "मैं चाहता हूं कि दोनों पक्ष बैठकर इस समस्या का समाधान निकाले." जैड हसन साहब ने कहा कि मथुरा नगरी हमारी रसखान की नगरी है, राधा कृष्ण की नगरी है और प्रेम की नगरी है. इस विषय में भी हमारी नगरी से कोई प्रेम की बात ही समस्त संसार को मिलनी चाहिए.

'हमारी नगरी में शांति कायम रहे हमारी जिम्मेदारी'

उन्होंने आगे कहा कि, "मुझे यहां के भाइयों ने शाही ईदगाह मस्जिद का अध्यक्ष भी नियुक्त किया है, मेरी भी जिम्मेदारी हो जाती है यह देखने की हमारी नगरी में शांति कायम रहे और हमेशा कायम रहे. कोई ऐसी बात ना हो, जिससे हमारे भाई आपस में किसी किस्म का भी कोई गलतफहमी पैदा करें और एक दूसरे को बुरा भला कहें. मैं यह चाहूंगा कि दोनों समुदाय के लोग बैठ जाएं और बैठकर इसका शांतिपूर्वक प्रेम पूर्वक कोई समाधान निकाले." 

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उन्होंने यह भी कहा कि, "मुझे यह खतरा है, डर है, एक डर का माहौल पैदा हो गया है या कर दिया गया है लेकिन यह स्पष्ट है कि इतनी पुलिस लगी हुई है कि जिसको देखकर किसी भी आने-जाने को वाले को डर लग सकता है. खुद मुझे भी डर लगता है, ऐसा कोई काम ना हो जाए कि जो हमारी नगरी के लिए दुखद सिद्ध हो." 

'दोनों पक्ष के लोग बैठकर संसार को दें संदेश'

शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि "मैं चाहूंगा कि कुछ इधर से और कुछ उधर से हम लोग बैठ जाएं और प्रेम पूर्वक संसार को एक संदेश दें कि यह राधा कृष्ण की नगरी है, प्रेम की नगरी है और प्रेम के जो ढाई अक्षर हमने पढ़ें हैं और पढ़ाए हैं और पढ़ते चले आ रहे हैं. वह हमारी नगरी एक बार फिर समस्त संसार को संदेश दे कि हमारा देश ऐसा है जिसमें विभिन्न जाति विभिन्न धर्म विभिन्न समुदाय विभिन्न भाषाओं के लोग रहते हैं और सब उसी की पूजा प्रार्थना करते हैं.

उन्होंने कहा कि "इधर से आवाज बुलंद होती है अजान की, उधर से आवाज शंकर कीर्तन भजन सारी आवाज मिलकर एक दूसरे के गले मिलती हुई परमपिता परमेश्वर अल्लाह ताला के पास पहुंचती हैं. ऐसा नहीं हो सकता कि एक आवाज  अलग-अलग दिशा में जाएं, सारी एक दूसरे से आवाज गले मिलती हुई परमपिता परमेश्वर अल्लाह ताला के पास पहुंचती है.

'आजान और पूजा का एक है लक्ष्य'

जैड हसन ने कहा, "उन सब आवाजों का और पूजा का एक लक्ष्य है, उसको समझने की जरूरत है, वह लक्ष्य है कि मेरी इस पवित्र नगरी में राधा कृष्ण की नगरी में रसखान की नगरी में प्रेम की नगरी में प्रेम पूर्वक सब लोग रहते रहे, पूजा पाठ करते रहें, एक दूसरे के सुख-दुख में त्योहारों में सारिक होते रहें."