पीलीभीत जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश के गृह विभाग को किर्गिस्तान में फंसे और उत्पीड़न का सामना कर रहे जिले के 12 मजदूरों के मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी है. वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. पीलीभीत के जिलाधिकारी (डीएम) ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि गृह विभाग द्वारा तथ्यात्मक विवरण मांगे जाने और पुलिस अधीक्षक को जांच करने के निर्देश दिए जाने के बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई है. जिलाधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘किर्गिस्तान में फंसे सभी 12 लोगों की जानकारी एकत्र कर सरकार को भेज दी गई है ताकि उनकी सुरक्षित वापसी के लिए उचित प्रक्रिया शुरू की जा सके.’’

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परिजनों ने लगाया प्रताड़ना और वसूली का आरोप

फंसे हुए लोगों के परिवारों ने आरोप लगाया है कि मजदूरों को विदेश में प्रताड़ित किया जा रहा है और स्थानीय एजेंट उनकी वापसी के लिए दो लाख रुपये तक की मांग कर रहे हैं. मजदूर अपने परिवारों को वीडियो संदेश भेजकर बचाव की अपील भी कर रहे हैं.

प्रशासन से लगातार लगाई जा रही गुहार

फंसे हुए लोगों के परिजन लगातार पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से मदद की गुहार लगा रहे हैं. इस सप्ताह की शुरुआत में कई परिवारों के सदस्यों ने जिलाधिकारी सिंह और पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव से मुलाकात की और अपनी आपबीती सुनाई.

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एजेंटों पर धोखाधड़ी और प्रताड़ना के गंभीर आरोप

पीड़ितों के परिजनों ने बताया कि रवि कुमार, अजय, चंद्रपाल, संतराम, रोहित, रमेश, हरस्वरूप, श्यामचरण, संजीव, प्रेमपाल, रामआसरे और हरिशंकर नाम के इन मजदूरों को लगभग तीन महीने पहले एक स्थानीय भर्ती एजेंसी चलाने वाले एजेंटों ने किर्गिस्तान भेजा था. परिजनों ने दावा किया कि प्रत्येक मजदूर से लगभग 2.5 लाख रुपये लिए गए और उन्हें ‘‘भ्रामक अनुबंधों’’ के साथ 59 दिनों के वीजा पर भेजा गया.

परिवारों ने आरोप लगाया कि युवकों को अलग-अलग शहरों में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, उन्हें उचित भोजन नहीं दिया जा रहा है और वापस लौटने से रोका जा रहा है. उन्होंने एजेंटों पर मजदूरों को छोड़ने के लिए दो से पांच लाख रुपये तक की मांग करने का भी आरोप लगाया और दावा किया कि युवकों को पीटा जा रहा है और उनके साथ ‘‘जानवरों से भी बदतर’’ व्यवहार किया जा रहा है.

एसपी अभिषेक यादव ने पुष्टि की कि मामले की जांच नगर के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) दीपक चतुर्वेदी को सौंपी गई है. उन्होंने कहा कि परिजनों ने लिखित शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि पीलीभीत की एक कॉलोनी में संचालित एक स्थानीय कंपनी और उसके प्रतिनिधियों ने झूठे वादों के तहत युवकों को विदेश भेजने में भूमिका निभाई.  डीएम ने बताया कि प्रशासन की रिपोर्ट से राज्य सरकार को उनकी वापसी के लिए कदम उठाने में मदद मिलेगी.