समाजवादी पार्टी नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तीखा हमला बोला है. उन्नाव में सपा नेता राजेश मिश्रा के घर पहुंचे पांडेय ने सीएम योगी के विवादित बयान ‘लातों के भूत बातों से नहीं मानते’ पर पलटवार करते हुए कहा कि यह तानाशाही मानसिकता को दर्शाता है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार लोकतांत्रिक नहीं बल्कि तानाशाही ढंग से काम कर रही है और प्रदेश में कानून का राज खत्म हो चुका है. पांडेय ने पुलिस को बाबा की सेवक बताते हुए कहा कि यह सरकार संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ काम कर रही है.
माता प्रसाद पांडेय ने सीएम योगी के बयान को सामंती मानसिकता का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में ऐसी धमकी भरी भाषा का कोई स्थान नहीं है. मुख्यमंत्री को लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करना चाहिए, न कि ऐसी बयानबाजी करनी चाहिए. योगी सरकार बड़ी-बड़ी बातें करती है, लेकिन धरातल पर संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ काम कर रही है.
पुलिस पर गंभीर आरोप
माता प्रसाद पांडेय ने बीजेपी सरकार पर पुलिस के दुरुपयोग का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून का राज नहीं बचा. पुलिस जनसेवक नहीं बल्कि बाबा की सेवक बन गई है. कभी किसी का घर गिरा दिया जाता है, कभी किसी को बिना कारण पकड़ लिया जाता है. गोलियों से न्याय देने की नीति अपनाई जा रही है, जो संविधान के खिलाफ है.
स्कूल विलय को बताया साजिश
माता प्रसाद पांडेय ने सरकार की 29,600 स्कूलों के विलय की नीति को शिक्षा विरोधी साजिश करार दिया. उन्होंने कहा कि यह स्कूलों का विलय नहीं, बल्कि उन्हें ध्वस्त करने की साजिश है. बच्चों को दूर-दूर स्कूल भेजना पड़ेगा, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित होगी. यह शिक्षा को खत्म करने का सुनियोजित प्रयास है. पांडेय ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार आंगनबाड़ी सेविकाओं को गिनकर शिक्षकों की संख्या को पर्याप्त बता रही है, जो जनता के साथ छल है. उन्होंने कहा कि स्कूल विलय होने पर शिक्षकों की नई नियुक्तियां जरूरी होंगी, जिसे सरकार नजरअंदाज कर रही है.
लोकतंत्र और संसद की परंपराएं तार-तार
सपा नेता ने बीजेपी सरकार पर लोकतंत्र और संसदीय परंपराओं को तार-तार करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह सरकार लोकतांत्रिक ढंग से काम नहीं कर रही. संसद की परंपराएं और संवैधानिक मूल्य खतरे में हैं. यह तानाशाही रवैया प्रदेश और देश के लिए खतरनाकहै.