सोनभद्र: सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ भले ही पुलिस की कार्य प्रणाली बेहतर बनाने के लिए लाख जतन कर लें, लेकिन पुलिस करती अपनी ही है. यहां मामला सोनभद्र के कोन थाना क्षेत्र के झारखंड राज्य की सीमा से लगे नकतवार गांव का है. जहां 14 जनवरी को गांव में ही बाइक सवार सुरेन्द्र राय पुत्र स्व. जनार्धन राय 45 वर्ष निवासी नकतवार की बाइक में एक बाइक सवार ने पीछे से धक्का मार दिया था जिसमे सुरेन्द्र राय की मौत हो गयी थी. जिसमे परिजनों ने धक्का मारने वाले बाइक सवार पर जानबूझ कर धक्का मारकर हत्या करने का आरोप लगाया और प्रार्थना पत्र पुलिस को दिया. लेकिन पुलिस ने सड़क दुर्घटना मानकर कोई एफआईआर दर्ज नहीं की, तो पीड़ित परिवार ने पुलिस अधीक्षक के पास गुहार लगाई तो पुलिस ने आईपीसी 279 व 304 A की धारा में मुकदमा पंजीकृत किया, जबकि परिजन धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कराने की मांग कर रहे हैं.

चार पहिया से लगी टक्कर 

इसके लिए पीड़ित परिवार घटना के प्रत्यक्षदर्शियों को भी पुलिस के सामने प्रस्तुत कर चुके हैं. यहां तक कि दो साल पुरानी घटना को लेकर रंजिश बता रहे हैं. और 25 अक्टूबर 2020 को चार पहिया वाहन से धक्का मारने की बात भी कह रहे हैं, फिर भी पुलिस अपनी ही जिद पर अड़ी है कि जांच की जा रहा है. जांच में जो बात सामने आएगी तो धारा बढ़ाई जाएगी. वहीं, परिजन धारा 302 के तहत मुकदमा लिखकर जांच करने की मांग कर रहे हैं. इस सम्बन्ध में अपर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अगर कोई भी पीड़ित व्यक्ति स्थनीय स्तर पर पुलिस की जांच से सन्तुष्ट नहीं है तो वह उच्च स्तर पर शिकायत कर सकता है.

रंजिश में मारी टक्कर 

सोनभद्र जिला मुख्यालय से लगभग 80 किलोमीटर दूर झारखंड सीमा से सटे कोन थाना क्षेत्र के नकतवार गांव में चांचीकला-नकतवार मार्ग पर 14 जनवरी को सुरेन्द्र राय पुत्र स्व. जनार्धन राय 45 वर्ष की सड़क दुर्घटना में मौत हुई थी, जिसमे मृतक के परिजनों का आरोप है कि धक्का मारने वाला व्यक्ति जो कि पास के ही गांव का निवासी है, ने पुरानी दुश्मनी को लेकर धक्का मार के हत्या की है, जिसे पुलिस सड़क दुर्घटना दिखा कर मामले की लीपापोती करने में लगी है.

हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग

मृतक के परिजनों का कहना है कि घटना के चार दिन बाद पुलिस अधीक्षक से मिलने के बाद कोन थाना पुलिस ने एफआईआर आईपीसी 279 व 304 A के तहत दर्ज किया, जबकि तहरीर में हत्या करने की बात कही गयी है. उनके भाई को धक्का मारने वाले व्यक्ति ने 25 अक्टूबर 2020 को पहली बार चार पहिया वाहन से धक्का मारा था, जिसमे ग्राम प्रधान ने सुलह- समझौता कराते हुए 2000 रुपये हर्जाना लगाया था. इसके बाद उसने मौका देखकर 14 जनवरी को अपनी साइड से चल रहे उनके भाई की बाइक में टक्कर मार दिया. इस टक्कर में वह गिरे और उनकी मौत हो गयी. अब हत्या का मुकदमा दर्ज कराने के लिए पुलिस के पास गए तो वह सड़क दुर्घटना की बात कह कर पल्ला झाड़ ले रही है जबकि पुलिस अधीक्षक की पहल पर 279 व 304 A के तहत मुकदमा दर्ज किया लेकिन हत्या का नहीं.

इस मामले पर अपर पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह का कहना है कि शासन ने यह व्यवस्था बनाई है कि कोई पीड़ित व्यक्ति नीचे के अधिकारियों की जांच से संतुष्ट नहीं है, तो वह उच्च स्तर पर शिकायत पत्र देता है तो अवश्य सुनवाई की जाएगी.

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