महोबा के जिला कृषि निदेशक कार्यालय परिसर में पूर्व सांसद गंगा चरण राजपूत की अगुवाई में एक दिवसीय किसान महापंचायत (Kisan Maha Panchayat)आयोजित की गई. इस महापंचायत में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए, प्राकृतिक आपदा और अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में हुए करोड़ों के घोटाले को लेकर बीमा कंपनियों और उनके दलालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. बता दें कि सदर तहसील के मुरानी गांव में 42 व्यक्तियों द्वारा 159 किसानों के फसल बीमा हड़पने का मामला लगातार चर्चा में है.

कृषि निदेशक कार्यालय परिसर में इसे लेकर आयोजित महापंचायत में पूर्व सांसद गंगाचरण राजपूत ने गंभीर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि किसान देवीय आपदा और अतिवृष्टि के कारण पहले ही परेशान हैं, लेकिन प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में दलालों और कुछ प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से उन्हें बीमा का लाभ नहीं मिल पा रहा. उन्होंने कहा कि इससे किसान लगातार आंदोलन करने को मजबूर हैं.

फसल बीमा राशि वापस करने की मांग

पूर्व सांसद ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन, बुंदेलखंड किसान यूनियन और जय जवान जय किसान सहित कई किसान संगठन लगातार धरना-प्रदर्शन कर किसानों के खातों में फसल बीमा राशि वापस करने की मांग कर रहे हैं. महोबा जिले की तीनों तहसीलों में किसान लगातार प्रदर्शन कर अपनी मांग को न्यायसंगत बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

घोटाले में शामिल लोगों पर कार्रवाई का आश्वासन

महापंचायत में अधिकारियों ने बताया कि इफ्को टोकियो के जिला प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है. पुलिस और प्रशासन ने आश्वासन दिया कि किसानों के फसल बीमा में हुए घोटाले में शामिल दलालों और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. अपर जिला अधिकारी कुंवर पंकज ने कहा कि जांच के बाद किसानों को हर संभव मदद प्रदान की जाएगा.

किसानों का शोषण नहीं किया जाएगा बर्दाश्त- पूर्व सांसद

पूर्व सांसद गंगा चरण राजपूत ने कहा कि बुंदेलखंड के किसानों का शोषण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया कि उनकी लड़ाई में वे हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे और पूरी निष्ठा तथा ईमानदारी के साथ उन्हें उनका हक दिलाने के लिए संघर्ष जारी रखेंगे.महापंचायत में किसानों ने जोर देकर कहा कि उनकी मांग न्यायोचित है और संबंधित अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई की अपेक्षा की जाती है.