महाराष्ट्र स्थानीय स्वराज्य संस्था चुनावों में परिवारवाद का मुद्दा एक बार फिर से गरमा गया है. एकनाथ शिंदे गुट ने बदलापुर में एक ही परिवार के छह सदस्यों को टिकट दिया है. जिसके बाद इसे लेकर सवाल उठने लगे हैं. मामला कूलगांव-बदलापुर नगरपरिषद चुनाव में शिंदे गुट के उम्मीदवारों से जुड़ा हुआ है.
महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे समय से चली आ रही घरानेशाही की परंपरा हाल के दिनों में और भी तेजी से बढ़ती दिखाई दे रही है. स्थानीय स्वराज्य संस्था चुनावों में यह प्रवृत्ति साफ दिखाई दी है. राज्य की कई नगर पंचायतों और नगर परिषदों में सभी पार्टियों के नेताओं ने अपने ही परिवार के सदस्यों को बड़ी संख्या में टिकट दिए हैं.
एक ही परिवार के छह सदस्यों को टिकट
कूलगाँव-बदलापुर नगरपरिषद में एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने किसी परिवार के दो–तीन नहीं बल्कि छह सदस्यों को उम्मीदवारी दी है. इस वजह से एक बार फिर सवाल उठने लगा है कि क्या महाराष्ट्र की राजनीति में सामान्य कार्यकर्ताओं की भूमिका अब केवल “सतरंज्या उठाने” तक सीमित रह गई है?
शिंदे गुट के बदलापुर शहर शिवसेना अध्यक्ष वामन म्हात्रे के परिवार के छह लोगों को टिकट दिया गया है. इनमें वामन म्हात्रे के साथ उनकी पत्नी को टिकट दिया है. इसके साथ ही वामन म्हात्रे के भाई तुकाराम म्हात्रे, भाभी उषा म्हात्रे, बेटे वरुण म्हात्रे और भतीजे भावेश म्हात्रे को नगर परिषद चुनाव के लिए टिकट दिया है.
साल 2015 में भी वामन म्हात्रे के परिवार के 4 सदस्यों को महापालिका चुनाव में टिकट दिया गया था. शिवसेना की टिकट वितरण प्रक्रिया के बाद बदलापुर के भाजपा नेताओं ने इस पूरे घटनाक्रम की तीखी आलोचना की है. अब इस पर एकनाथ शिंदे और शिवसेना के अन्य नेता क्या प्रतिक्रिया देते हैं, इस पर सबकी निगाहें लगी हैं.
परिवारवाद में बीजेपी भी पीछे नहीं
बीजेपी भले ही यहां पर शिवसेना शिंदे गुट पर सवाल उठा रही है लेकिन इस मामले में भाजपा खुद भी पीछे नहीं है. नांदेड जिले की लोहा नगरपरिषद चुनाव में भाजपा ने एक ही परिवार के छह सदस्यों को टिकट दिया है. नगराध्यक्ष पद के लिए भाजपा ने गजानन सूर्यवंशी को उम्मीदवार बनाया है.
इसके अलावा नगरसेवक पदों के लिए गजानन की पत्नी गोदावरी सूर्यवंशी, भाई सचिन सूर्यवंशी, भाई की पत्नी सुप्रिया सचिन सूर्यवंशी, मेहुणा युवराज वाघमारे, भतीजे की पत्नी रीना अमोल व्यवहारे इन सभी को भाजपा की ओर से टिकट दिया गया है.
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