Prayagraj News: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की खुदकुशी के मामले में गवाह और वादी अमर गिरि आज सोमवार (11 दिसंबर) को फिर जिला जज के कोर्ट में पेश नहीं हुए. अभियोजन ने जिला जज कोर्ट से अमर गिरि के खिलाफ समन जारी कराया है. पिछली सुनवाई पर जिला जज की कोर्ट में अमर गिरि का पूरा बयान दर्ज नहीं हो सका था. अब इस मामले में दो जनवरी को अगली सुनवाई होगी.


डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरि और सीबीआई के अधिवक्ता ए के तिवारी आज सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद रहे. पिछली कई तारीखों से अमर  गिरि बयान दर्ज कराने नहीं आ रहे थे, जिसके चलते जिला जज संतोष राय ने एनबीडब्ल्यू जारी किया था. वादी अमर गिरी के निजी अधिवक्ता ने एनबीडब्ल्यू निरस्त करने की कोर्ट में अर्जी दी थी. यह भी अंडरटेकिंग दी कि हर तारीख पर साक्ष्य और जिरह के दौरान वादी अदालत में उपस्थित रहेगा. इस आधार पर जिला जज संतोष राय ने एनबीडब्ल्यू निरस्त कर दिया था.


इसके बाद आज फिर से अदालत में अमर गिरि हाजिर नहीं हुए. जिला जज संतोष राय की अदालत में मुकदमे का ट्रायल शुरू हो चुका है और बिना पूरा बयान दर्ज हुए दूसरे पक्ष की गवाही नहीं हो सकती है. सेशन कोर्ट ने आरोपियों आनन्द गिरी, आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी पर 31 मार्च को आरोप तय कर दिया था. आनन्द गिरि पर आईपीसी की धारा 306 का आरोप किया गया है और आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 के साथ ही 120 बी में भी आरोप तय हुए हैं. राज्य सरकार की सिफारिश पर सीबीआई ने इस मामले की जांच की है और सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है.


बता दें कि 20 सितंबर 2021 को श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के गेस्ट हाउस में महंत नरेन्द्र गिरि मृत पाए गए थे. बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी पर भी गंभीर आरोप हैं. 22 सितंबर 2021 से आनंद गिरि जेल में बंद हैं और दो अन्य आरोपी आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं. आनंद गिरि समेत तीनों आरोपियों को अब तक जमानत नहीं मिली है.


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