Youth Beaten up in Police Station Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में महानगर पुलिस ने बुधवार शाम चोरी के आरोप में युवक को पहले थाने में जमकर पीटा, इसके बाद चौकी ले गए. चौकी में पिटाई के दौरान युवक बेहोश होकर गिर गया. युवक की हालत बिगड़ती देख पुलिसकर्मियों के हाथ-पांव फूल गए. इस बीच आरोपियों के घर और मोहल्ले वालों ने चौकी में जमकर हंगामा किया. पुलिस पर थर्ड डिग्री देने का आरोप लगाया. इसके अस्पताल ले जाया गया, जहां आरोपी युवक का इलाज किया जा रहा है. 


ज्वेलरी का एक बॉक्स चोरी हो गया
आरोपी अरुण मेट्रो सिटी निवासी बलवीर सहाय की गाड़ी चलाता है. बीते माहीने बलवीर सहाय और उनकी पत्नी कोरोना की चपेट में आ गए जिसमें पत्नी की मौत हो गई थी. कुछ दिन पहले अमेरिका से बलवीर का बेटा और बहू आए थे. इस दौरान घर से ज्वेलरी का एक बॉक्स चोरी हो गया था. चौकी प्रभारी को बलवीर ने तहरीर दी और आशंका अरुण पर जाहिर की. 


चौकी पहुंचा परिवार 
दारोगा सुधाकर पांडेय और सिपाही नितिन अरुण के घर पहुंचे. अरुण को पूछताछ की बात कहकर ले गए. इसके बाद थाने में ले जाकर जमकर पीटा, उसके बाद चौकी लेकर पहुंचे. वहां बंधक बना लिया और फिर पीटा, थर्ड डिग्री का भी प्रयोग किया, इससे अरुण बेहोश हो गया. काफी देर तक जब अरुण घर नहीं लौटा तो बड़ा भाई  विकास चौकी पहुंचा. वहां पर उसने अरुण की चीख-पुकार सुनी. विकास ने घर में सूचना दी तो मां और परिवार के अन्य लोग चौकी पहुंचे. मारपीट का विरोध किया तो पुलिस ने धमकी दी. 


परिजनों ने जमकर किया हंगामा 
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार अरुण के घरवालों ने जमकर हंगामा किया. उन्होंने सड़क जाम कर दी और महिलाएं सड़क पर बैठ गईं. पुलिस से धक्का-मुक्की हुई. बवाल की सूचना पर एडीसीपी प्राची सिंह, सीओ और इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार सिंह पहुंचे. हंगामा कर रहे लोगों को समझाने का प्रयास किया, पर हालात बेकाबू हो चुके थे. परिवार के लोग आनन-फानन में अरुण को पुलिस के चंगुल से छुड़ाकर अस्पताल ले गए. इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि चोरी के आरोप में अरुण को पूछताछ के लिए लाया गया था. पुलिसकर्मी उससे पूछताछ कर रहे थे, तभी एकाएक अरुण बेहोश हो गया. थर्ड डिग्री का प्रयोग करने की बात निराधार है. 


पुलिस पर नहीं भरोसा, हम खुद अस्पताल ले जाएंगे
अरुण की पिटाई के दौरान जब हालत बिगड़ गई तो इंस्पेक्टर और पुलिस कर्मी उसे अपनी गाड़ी से अस्पताल ले जा रहे थे. इस पर अरुण के पिता रामचंद्र ने विरोध किया और कहा कि अब पुलिस पर भरोसा नहीं है. हम खुद बेटे को अस्पताल ले जाएंगे. इसके बाद उसे छुड़ा लिया.  


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