Maha Kumbh 2025 Prayagraj: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में करोड़ों की संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं. देशभर में महाकुंभ को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. जिससे सिर्फ यूपी ही नहीं पूरे देश की धार्मिक अर्थव्यवस्था से लेकर तमाम क्षेत्रों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. जिसमें पूजा सामग्री से लेकर होटल, खाने पीने की दुकानें, परिवहन व्यवस्था से लेकर तमाम चीजे शामिल हैं. 

NSSO की रिपोर्ट के अनुसार भारत की धार्मिक अर्थव्यवस्था 3.02 लाख करोड़ रुपये है. जो देश की GDP का लगभग 2.3 % है. इसमें धार्मिक स्थानों की यात्रा, होटल, रेस्टोरेंट में खर्चा, धार्मिक स्थानों पर प्रसाद, फूल, अगरबत्ती, आदि खरीदना शामिल है. महाकुंभ की वजह से न केवल इन क्षेत्रों बल्कि प्रयागराज और यूपी की अर्थव्यवस्था भी चमकने लगी है. 

महाकुंभ से कैसे चमकी देश की अर्थव्यवस्थामहाकुंभ में देश के कोने-कोने से लोग महाकुंभ में आएंगे. बाहर से आने वाले लोग रेल, बस या हवाई जहाज़ से आ रहे हैं जिसे इन तमाम विभागों को फायदा हो रहा है. वहीं निजी वाहनों से आने श्रद्धालुओं से विभिन्न टोल, ईंधन, आदि के रूप में सरकार का राजस्व बढ़ रहा है. यही नहीं प्रयागराज पहुंचने के बाद लोग यहां होटल, गेस्ट हाउस, धर्मशाला में रहेंगे जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और राजस्व मिल रहा है तो वहीं खाने-पीने की दुकानों और रेस्टोरेंट व होटलों की भी बल्ले-बल्ले हो रही है. 

ट्रेन, बस, फ्लाइट से आने वाले लोग रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, हवाई अड्डे से मंदिर तक स्थानीय परिवहन (टैक्सी, ऑटो, बस) का उपयोग करेंगे, जिससे परिवहन क्षेत्र में लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हुए तो वहीं निजी वाहनों के आने से स्थानीय लोगों के लिए नौकरियां, पार्किंग से राजस्व बढ़ा है. महाकुंभ में आने वाले लोग संगम तक नाव की सवारी कर सकते हैं, जिससे नाविकों की आय बढ़ी. 

महाकुंभ में आने वाले तीर्थयात्री प्रयागराज के अलावा स्थानीय धार्मिक महत्व के स्थानों पर जा सकते हैं जैसे लेटे हुए हनुमान जी मंदिर, अक्षयवट और पातालपुरी मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, महर्षि भारद्वाज आश्रम. यही नहीं वे अयोध्या और काशी धाम तक यात्रा कर रहे हैं जिससे आसपास के जिलों में भी इसका असर दिख रहा है. लोग प्रसाद, फूल, माला, मूर्ति, चित्र, मॉडल खरीदेंगे जिससे रोज़गार में बढ़ोतरी हो रही है. 

महाकुंभ से जमकर हो रही है कमाई महाकुंभ परिसर के निर्माण, रखरखाव के लिए कई लोगों की आवश्यकता होगी. विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार महाकुंभ से लगभग 8 से 10 लाख लोगों को रोजगार (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष) मिलने की संभावना है. कुंभ से जुड़ी आर्थिक गतिविधियों ने 2019 (अर्धकुंभ) में विभिन्न क्षेत्रों में 6 लाख से अधिक श्रमिकों के लिए रोजगार पैदा किया. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के अनुसार, राज्य को 45 दिवसीय मेगा इवेंट से 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कमाई होने की संभावना है. 

CII के एक अध्ययन के अनुसार, 2013 में आयोजित पिछले महाकुंभ से लगभग 12,000 करोड़ रुपये का कुल राजस्व प्राप्त हुआ था. अर्धकुंभ मेला 2019 से कुल 1.2 लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था. CAIT के अनुसार श्रद्धालुओं द्वारा खरीदी गई आवश्यक दैनिक जरूरत की वस्तुओं का कारोबार लगभग 17,310 करोड़ रुपये या उससे अधिक होगी. 

- पूजा सामग्री का कारोबार लगभग 2000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद - फूलों का व्यापार अनुमानित 800 करोड़ रुपये- किराने का सामान (गेहूं का आटा, चीनी, चाय, मसाले) 4000 करोड़ रुपये- खाद्य तेल 1000 करोड़ रुपये- सब्जियां 2000 करोड़ रुपये- बिस्तर, गद्दे, चादर और अन्य घरेलू सामान 500 करोड़ रुपये- दूध और अन्य डेयरी उत्पाद 4000 करोड़ रुपये- गंगा जल ले जाने के लिए प्लास्टिक जेरी कैन 60 करोड़ रुपये- यात्रा (कार किराए पर लेना, ई-रिक्शा) 300 करोड़ रुपये- नाविक 50 करोड़ रुपये

भक्तों की वजह से प्रतिदिन राजस्व प्राप्ति अनुमान के मुताबिक प्रयागराज में 45 दिनों में करीब 40 करोड़ लोगों के महाकुंभ में आने की संभावना है· इसका मतलब है कि प्रतिदिन लगभग 90 लाख भक्तों की महाकुंभ में आने की उम्मीद है. पौष पूर्णिमा (13 जनवरी), मकर संक्रांति (14 जनवरी), मौनी अमावस्या (29 जनवरी), बसंत पंचमी (03 फरवरी), माघी पूर्णिमा (12 फरवरी), महा शिवरात्रि (26 फरवरी) जैसे प्रमुख स्नान तिथियों पर प्रतिदिन करीब 1 से 2 करोड़ तीर्थयात्रियों के आने की संभावना है. 

अनुमान के मुताबिक रोजाना आने वालों में करीब 50%, प्रयागराज में 1 या 1 दिन से ज्यादा रुकेंगे. जिससे किसी भी दिन शहर में 45 लाख से अधिक पर्यटक रहेंगे. धार्मिक और तीर्थ यात्राओं पर औसत खर्च 2,717 रुपये प्रति रात (24 घंटे) तक आएगा. शहर की अनुमानित आय (होटल/दुकानें/परिवहन) से लगभग 1,200 करोड़ रुपये प्रतिदिन कमाई हो रही है. ऐसे में महाकुंभ के 45 दिनों की कुल आय 54,000 करोड़ रुपये होगी.   स्थानीय लोगों के लिए बुनियादी ढांचे का विकासमहाकुंभ-2025 से पहले प्रयागराज के बुनियादी ढांचे के विकास और सौंदर्यीकरण में लगभग 7000 करोड़ रुपये का भारी निवेश किया गया है. 14 रोड ओवर ब्रिज और रोड अंडर ब्रिज बनाये गए हैं. 61 सड़कें बनाई गई है. 40 चौराहों का सौंदर्यीकरण और रेलवे लाइन विस्तार का निर्माण हुआ है. इससे महाकुंभ के बाद भी स्थानीय लोगों को लाभ मिलता रहेगा.

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