Uttarakhand News: उत्तराखंड में एक बार फिर लंपी स्किन डिजीज (Lumpy Skin Disease) ने कहर बरपा दिया है. इस बार लंपी वायरस पर्वतीय जिलों के पशुओं को चपेट में ले रहा है. पिछले कुछ दिनों 6 हजार के करीब मवेशी वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 80 की मौत भी हो चुकी है. दरअसल, पिछले साल उत्तराखंड में लंपी वायरस की दस्तक के बाद सैकड़ों पशुओं की मौत हो गई थी. अब एक बार फिर प्रदेश में लंपी स्किन डिजीज ने आतंक मचाना शुरू कर दिया है.


24 घंटे में लंपी वायरस संक्रमण के 449 नए मामले


पशुपालन विभाग की तरफ से जारी आंकड़ों में बताया गया है कि पिछले 24 घंटे में लंपी वायरस संक्रमण के 449 नए मामले सामने आए हैं. आंकड़ों के मुताबिक 5 मई से 16 मई तक 5798 पशुओं में लंपी स्किन डिजीज की पुष्टि हो चुकी है. आगे बताया गया कि पिछले 11 दिनों में 77 पशुओं ने लंपी वायरस से संक्रमित होने के बाद दम तोड़ दिया. पशुपालन विभाग लंपी वायरस की रोकथाम के लिए टीकाकरण अभियान भी चला रहा है. अब तक 7,86,151 पशुओं को वैक्सीन दिया जा चुका है.


पशुपालन मंत्री की तरफ से अधिकारियों को आदेश


पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा का कहना है कि जिन जिलों में लंपी वायरस ज्यादा फैल रहा है, वहां वैक्सीन की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. उनका कहना है कि इस बार लंबी वायरस प्रदेश के पर्वतीय जिलों में ज्यादा फैल रहा है. इसमें कुमाऊं के जिले भी शामिल हैं. मंत्री सौरभ बहुगुणा ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वायरस की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाए जाएं. बता दें कि लंपी वायरस से संक्रमित होने वाले मवेशियों के शरीर पर दाने निकलते हैं. दानों के ठीक होने पर छाले जैसे निशान पड़ जाते हैं. बीमारी के लक्षणों का पता चलते ही फौरन इलाज शुरू करने पर दो से चार दिन में पशु ठीक हो जाते हैं.  


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