UP School Smart Classes: लखनऊ के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाई अब टेक्नोलॉजी की मदद से और ज्यादा रोचक और असरदार बन गई है. नगर और ग्रामीण इलाकों के कुल 400 प्राथमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की शुरुआत हो चुकी है. यहां अब बच्चे पुराने तरीके से सिर्फ किताबों से नहीं, बल्कि प्रोजेक्टर, स्मार्ट टीवी और ऑडियो-वीडियो सामग्री की मदद से पढ़ाई कर रहे हैं.
स्कूलों में स्मार्ट क्लास की वजह से बच्चों के लिए पढ़ाई अब एक आनंददायक अनुभव बन गया है. बच्चों के लिए पढ़ाई करना आसान हो गया है. वीडियो, एनिमेशन, चित्रों और ऑडियो के जरिए दी जा रही जानकारी से बच्चे विषय को जल्दी समझ पा रहे हैं. इससे उनकी कक्षा में उपस्थिति भी बढ़ी है और सीखने में रुचि भी.
क्या है स्मार्ट क्लास की खासियत?लखनऊ में कुल 1618 प्राथमिक विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जिनमें से 400 स्कूलों में फिलहाल स्मार्ट क्लास तैयार की जा चुकी हैं. बाकी स्कूलों में भी चरणबद्ध तरीके से स्मार्ट क्लास लागू करने की योजना है. इन स्मार्ट क्लास रूम में इंटरैक्टिव बोर्ड, बड़ी स्क्रीन, डिस्प्ले सिस्टम और ऑडियो-विजुअल सामग्री की व्यवस्था की गई है.
शिक्षा विभाग की ओर से प्रत्येक स्कूल को दो अतिरिक्त टैबलेट भी दिए जा रहे हैं, जिनसे बच्चे और शिक्षक डिजिटल कंटेंट का प्रयोग कर सकें. इसके साथ ही शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है ताकि वे स्मार्ट तकनीक का सही उपयोग कर सकें. अब अध्यापक किताबों के साथ-साथ वीडियो, स्लाइड्स और डिजिटल मॉडल की मदद से पढ़ाते हैं, जिससे बच्चों की जिज्ञासा बढ़ती है और वे पढ़ाई में मन लगाते हैं.
सरकारी स्कूलों में शिक्षा की नई दिशाबेसिक शिक्षा विभाग की यह पहल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की डिजिटल उत्तर प्रदेश की दिशा में एक मजबूत कदम मानी जा रही है. इससे सरकारी स्कूलों की छवि में भी बदलाव आ रहा है और निजी स्कूलों की तरह यहां भी आधुनिक सुविधाएं दिखाई देने लगी हैं. अधिकारियों का कहना है कि आने वाले समय में जिले के सभी 1618 प्राथमिक विद्यालयों को स्मार्ट क्लास से लैस किया जाएगा.
विभाग का लक्ष्य है कि हर बच्चा तकनीक की मदद से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पाए और भविष्य के लिए बेहतर रूप से तैयार हो सके. इस पहल से यह साफ है कि अब सरकारी स्कूलों में भी शिक्षा का तरीका पूरी तरह बदल रहा है और डिजिटल माध्यम बच्चों को न केवल पढ़ने बल्कि समझने में भी मदद कर रहा है.
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