UP News:  उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में जाली नोटों (Forged Currency Note) की तस्करी करने के मामले में दो और लोगों को तीन साल की सजा सुनाई गई है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी कि NIA की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को यह फैसला सुनाया. अदालत ने दोनों दोषियों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. बता दें कि इसी मामले में चार अन्य लोगों को पहले ही चार-चार साल की सजा सुनाई जा चुकी है. 


पश्चिम बंगाल के इन दो अपराधियों को मिली सजा


एनआईए के अनुसार, दोषी ठहराए गए दो आरोपी पश्चिम बंगाल के निवासी के रहने वाले हैं. इनके नाम अब्दुल सलाम उर्फ ​​'मिथुन' और जियाउल हक हैं. मिथुन और जिआउल को तस्करी के आरोप में तीन साल की सजा काटनी होगी जबकि पांच हजार रुपये भी चुकाने होंगे. इनसे पहले दोषी साबित किए गए चार लोगों पर भी पांच हजार का जुर्माना लगाया गया था. यह मामला अगस्त 2018 का है जब इनसे 4,60,000 रुपये का जाली नोट बरामद किया गया था. 


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क्या है जाली नोटों से जुड़ी धारा


जाली नोटों के साथ पकड़े जाने वाले लोगों पर आईपीसी की धारा 489 (ग) के तहत कार्रवाई होती है. यह धारा तब लगती है जब किसी व्यक्ति को इस बात की जानकारी हो कि उसके पास जो नोट हैं वे जाली हैं और वह उनका इस्तेमाल जानबूझकर अपने फायदे के लिए करता है. इस अपराध में दोषी पाए जाने पर समझौते का कोई प्रावधान नहीं है.हालांकि इसमें कानूनी रूप से जमानत की व्यवस्था है. इस मामले में अधिकतम कारावास की सजा 7 साल तय की गई है. इसके अलावा जुर्माना भी लगाया जाता है.


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