Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर 25 मई को छठे चरण में वोटिंग होनी है. ऐसे में चुनाव प्रचार के लिए ज्यादा समय नहीं बचा है. इस सीट से बीजेपी सांसद मेनका गांधी दोबारा मैदान में हैं. बाजवूद इसके न तो यहां चुनाव प्रचार का ज्यादा शोर सुनाई दे रहा है और न ही अब बीजेपी का कोई बड़ा चेहरा उनके समर्थन में पहुँचा है. मेनका गांधी अकेले ही अपने काम के दम पर चुनाव की कमान संभाले हैं. 


मेनका गांधी आठ बार सांसद रह चुकी हैं. अगर वो इस बार भी चुनाव जीतती हैं तो देश के उन चंद सांसदों की सूची में उनका नाम शामिल हो जाएगा जो नौ बार देश की संसद का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. लेकिन इस बार ये चुनाव उनके लिए उतना आसान नहीं दिख रहा है. इस सीट पर निषाद समुदाय का बहुलता है और सपा ने यहां जातीय समीकरण को साधने के लिए राम भुआल निषाद को मैदान में उतारा है वहीं बसपा से उदराज वर्मा उम्मीदवार हैं. जिससे इस सीट की लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है. 


मेनका गांधी ने अकेले संभाली चुनाव की कमान
मेनका गांधी दिन-रात सुल्तानपुर में कई दिनों से चुनाव प्रचार में जुटी है. उन्होंने जनपद की 1200 ग्राम पंचायतों में से 1100 ग्राम पंचायतों से कनेक्ट करने की खुद ही जिम्मेदारी संभाली हुई है. वो तमाम लोगों से संपर्क कर रही है. उनके समर्थन में न तो सीएम योगी आदित्यनाथ, न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या किसी अन्य बड़े नेता की जनसभा की है. मेनका गांधी ने भी किसी को चुनाव प्रचार के लिए बुलाया है. 


माना जा रहा है कि मेनका गांधी ने इस सीट पर सभी जातियों को साधने की कोशिश की है और हर समाज में पैठ बनाई है. वो नहीं चाहती कि यहां पर ध्रुवीकरण की राजनीति उनका खेल खराब करे. मेनका गांधी सुल्तानपुर से दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं. इससे पहले 2014 में उनके बेटे वरुण गांधी इस सीट से सांसद रह चुके हैं. दिलचस्प बात है कि वरुण भी अपनी मां के समर्थन में चुनाव प्रचार के लिए नहीं आए हैं. पीलीभीत से उनका टिकट कटने के बाद वो बीजेपी के किसी मंच पर नहीं दिखाई दिए. 


सुल्तानपुर में बीजेपी की मेनका गांधी का सपा के राम भुआल निषाद से है. रामभुआल बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हुए हैं. इससे पहले वो बसपा में भी रह चुके हैं.