Lok Sabha Elections 2024: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले देश की ज्यादातर राजनितिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है और पार्टी में कार्यकर्ताओं को नई जिम्मेदारी देने के साथ ही उनमें नया जोश भरने की तैयारी कर रही हैं. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने अपनी नई कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है. इस बार कांग्रेस ने पार्टी में सबसे ज्यादा महत्व पिछड़ा वर्ग को दिया है. दरअसल उप्र कांग्रेस की बहुप्रतीक्षित नई कार्यकारिणी की घोषणा कर दी गई है. जिसे लेकर कांग्रेस पर महिलाओं की उपेक्षा करने के आरोप लगने लगे हैं.


साल 2022 के विधानसभा चुनाव में महिलाओं को प्राथमिकता देने और 33 प्रतिशत महिलाओं के आरक्षण के मांग उठाने वाली कांग्रेस पार्टी ने अपने ही संगठन में महिलाओं की उपेक्षा कर दी है. कांग्रेस की ओर से जारी की गई उत्तर प्रदेश की नई कार्यकारिणी में कुल 130 पदाधिकारियों को शामिल किया गया है. हैरानी का बात यह है कि कांग्रेस ने इसमें सिर्फ तीन महिलाओं को जगह दी है.






मात्र तीन महिलाओं को मिली प्रदेश कार्यकारिणी में जगह


कांग्रेस की नई प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल तीन महिलाओं में से सरिता पटेल महासचिव, अर्चना राठौर और पूर्वी वर्मा को सचिव बनाया गया है. वहीं एक भी महिला को कांग्रेस ने उपाध्यक्ष नहीं बनाया है. जिसे लेकर सवाल उठने लगे हैं. कांग्रेस की नई कार्यकारिणी में 16 उपाध्यक्ष के अलावा 38 महासचिव व 76 सचिव शामिल किए गए हैं. इसके साथ ही जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग कर रही कांग्रेस ने नई कार्यकारिणी में पिछड़ा वर्ग पर ध्यान देते हुए पिछड़ा वर्ग के सबसे ज्यादा 43 पदाधिकारी बनाए हैं.


पिछड़े वर्ग के वोटबैंक को साधने की रणनीति


कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पिछड़े वर्ग के वोटबैंक को साधने के लिए कांग्रेस ने अपनी नई प्रदेश कार्यकारिणी में पिछड़े वर्ग पर खासा ध्यान दिया है. कांग्रेस की कार्यकारिणी में पिछड़े वर्ग के बाद दूसरे नंबर पर सामान्य वर्ग के 41 पदाधिकारी बनाए गए हैं. वहीं मुस्लिम वर्ग के 22 और दलित वर्ग के 23 लोगों को पदाधिकारी बनाया है. इसके साथ ही कांग्रेस ने अपनी नई प्रदेश कार्यकारिणी में युवा चेहरों पर दाव खेला है. कार्यकारिणी में  88 ऐसे पदाधिकारियों को शामिल किया गया है, जिनकी उम्र 50 वर्ष से कम है.


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