UP Lok Sabha Chunav 2024: बहुजन समाज पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का एलान कर दिया है. अपने जन्मदिन के मौके पर 15 जनवरी को एक प्रेस वार्ता में बसपा सुप्रीमो और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने कहा है कि उनकी पार्टी 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेगी लेकिन चुनाव के बाद सरकार बनाने वाली पार्टी को उचित भागीदारी के साथ समर्थन देगी.
उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी चुनाव के पहले किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी लेकिन चुनाव के बाद स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्र व राज्यों की सरकारों में अपनी उचित भागीदारी के आधार पर शामिल भी हो सकती है. मायावती ने कहा ‘चुनाव के बाद उचित भागीदारी मिलने पर समर्थन दिया जा सकता है लेकिन यह समर्थन मुफ्त में नहीं दिया जाएगा.’
दरअसल, मायावती की इस रणनीति में 28 साल पुराना चुनावी वाकया छिपा हुआ है. साल 1996 में यूपी के विधानसभा चुनाव में बसपा और कांग्रेस में अलायंस हुआ था. इस चुनाव में बसपा 296 सीटों पर चुनाव लड़ी थी वहीं कांग्रेस 126 सीटों पर मैदान में उतरी थी. हालांकि इस चुनाव में बसपा को एक भी सीट का फायदा नहीं हुआ और उसे सिर्फ 67 सीटें मिलीं. वहीं कांग्रेस को उस चुनाव 33 सीटें मिलीं. इस चुनाव में कांग्रेस को 5 सीटों का फायदा हुआ था. इस चुनाव में बसपा को 19.64 फीसदी वोट मिले थे वहीं कांग्रेस के हिस्से में 8.35 फीसदी मत आए थे.
बसपा नेता ने दिया था ये बयान
दीगर है कि यूपी विधानसभा के लिए साल 1996 में हुए चुनाव में गठबंधन का एलान 23 जून 1996 को हुआ था. इस अलायंस का एलान भूतपूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की मौजूदगी में हुआ था.
इस अलायंस के लिए भी बसपा ने शर्त रखी थी कि अगर कांग्रेस के साथ यह गठबंधन चुनाव जीता तो मायावती को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. हालांकि यह अलायंस उस वक्त यह चुनाव नहीं जीत पाया था.
इस चुनाव के बाद कांशीराम ने कहा था कि बसपा अब कभी भी चुनाव से पहले अलायंस नहीं करेगी. माना जा रहा है कि बसपा चीफ 24 साल पुरानी इस रणनीति पर दोबारा लौटने को तैयार हैं. हालांकि साल 2014 में 0 लोकसभा सीटें जीतने वाली बसपा को साल 2019 में सपा के साथ अलायंस करने पर 10 सीटें मिलीं थी.