Lok Sabha Election 2024: बहुजन समाज पार्टी इस बार प्रत्याशियों की खोज में देरी लगा रही है. अमूमन हर आम चुनाव में बहुजन समाज पार्टी की सूची 6 महीने से साल भर पहले आ जाती है. लेकिन, इस बार चुनाव को मात्र दो-तीन महीने बचे होने के बावजूद बसपा एक भी प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं हुई है और न ही लोकसभा के प्रभारियों की लिस्ट भी सामने आई है. सूत्रों की माने तो बसपा इस बार जल्दबाजी की बजाय आराम से रुककर, सोच समझकर ज़िताऊ प्रत्याशी की खोज करने में जुटी है.


वरिष्ठ पत्रकार परवेज अहमद कहते हैं कि बसपा इस बार अपनी रणनीति में परिवर्तन करते हुए काम कर रही है. उसको अकेले चुनाव लडना है और इसलिए वो इंतजार कर रही है दूसरे पार्टियों के प्रत्याशियों के मैदान में उतरने का. इस बार बसपा के लाइन पर सपा चल रही है और सपा की लाइन पर बसपा चल रही है. यूं तो राष्ट्रीय पार्टियां में कांग्रेस सबसे आखिरी में टिकटों का एलान करती थी और उसी तरह सपा भी यूपी में करती थी वहीं बसपा सबसे पहले एलान करती थी लेकिन, इस बार सपा सबसे आगे है और बसपा इंतज़ार कर रही है. 


मायावती ने बदली लोकसभा की रणनीति
परवेज अहमद के मुताबिक सपा-कांग्रेस के साथ गठबंधन में है और भाजपा में अन्य दलों के साथ गठबंधन में है पर बसपा अकेले लड़ रही है, इस लिहाज से वो सबके प्रत्याशियों के एलान के बाद जातीय समीकरणों के अनुसार अपने प्रत्याशी फाइनल करेगी. उन्होंने कहा वैसे तो बसपा में प्रभारी नियुक्त हो चुके हैं लेकिन अधिकृत सूची आनी बाकी है. उन्होंने कहा कि बसपा इस बार बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक प्रत्याशियों पर भी दांव लगा सकती है जिसका खासा प्रभाव पश्चिम में देखने को मिल सकता है. 


बसपा की कोशिश होगी कि वो दलित और अल्पसंख्यक मतदाताओं को अधिक से अधिक रिझाने की कोशिश करे. पिछले 2019 के चुनाव में भी बसपा की जीती हुई 10 सीटों में से 8 सीटें ऐसी थी जिनमे यादव मतदाता ही नहीं थे और दलित मुस्लिम के कॉम्बिनेशन ने उसे जीत की तरफ आगे बढ़ाया था.


जिताऊ प्रत्याशियों की तलाश में जुटी मायावती
वरिष्ठ पत्रकार बृजेश सिंह कहते हैं कि बसपा ने अकेले 2014 का चुनाव लड़ के शून्य सीट पाई थी तो वहीं 2019 में सपा के गठबंधन के साथ 10 सीट पाई थी. बसपा की कोशिश है कि उसकी ये सीट बरकार रहें, इसलिए रणनीति में देरी हो रही है. उन्होंने कहा कि इस बार बसपा मौजूदा माहौल देख रही है और जिन मजबूत स्थानीय प्रत्याशियों पर सपा और भाजपा टिकट नहीं दे रही और वो जिताऊ हैं. साथ ही टिकट पाने को आतुर हैं उनपर भी मायावती दांव खेल सकती हैं.


UP Politics: पीएम मोदी की BHU जनसभा पर गायिका नेहा सिंह राठौर का तीखा तंज, कहा- 'ऐसे कैसे चलेगा चौकीदार जी?'